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UP Madarsa Scholarship: यूपी के मदरसे में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8वीं तक के छात्रों को अब नहीं मिलेगी स्कॉलरशिप, जानें वजह

UP Madarsa Scholarship: उत्तर प्रदेश के मदरसों में कक्षा एक से आठ तक में पढ़ने वाले छात्रों को शैक्षिक सत्र 2022-23 से छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी. केंद्र सरकार की ओर से इसको लेकर निर्देश जारी कर दिये गए हैं. 

UP Madarsa Scholarship: यूपी के मदरसे में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8वीं तक के छात्रों को अब नहीं मिलेगी स्कॉलरशिप, जानें वजह
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Updated: Nov 28, 2022, 11:22 AM IST

UP Madarsa Scholarship: केंद्र सरकार ने मदरसा छात्रों को लेकर बड़ा आदेश जारी किया है. सरकार ने उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले 1 से 8वीं तक के स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप देने से इनकार कर दिया है. पिछले साल मदरसों में पढ़ने वाले 8वीं कक्षा तक के लगभग 6 लाख स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप मिली थी. छात्रों को स्कॉलरशिप ना देने की वजह की बात करें तो कहा गया है कि मुफ्त और लाजमी बाल शिक्षा का अधिकार के तहत कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक की पढ़ाई मुफ्त कर दी गई है. इसलिए स्कॉलरशिप देने की कोई वजह नहीं बनती है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कक्षा 1 से लेकर 5वीं तक के स्टूडेंट्स को हर साल 1 हजार रुपये स्कॉलरशिप के तौर पर मिलते थे. हालांकि इससे आगे की कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों को अलग-अलग रकम दी जाती थी, लेकिन अब यह रकम नहीं दी जाएगी. माइनॉरिटी डिपार्टमेंट (Minority Department) की तरफ से जारी किए गए हुक्म के मुताबिक शिक्षा के अधिकार के तहत कक्षा 1 से 8वीं तक की पढ़ाई मुफ्त है. इसके अलावा बाकी जरूरी चीजें भी मुफ्त दी जाती हैं. इसलिए ऐसे छात्रों को स्कॉलरशिप देने की वजह नहीं बनती. इसलिए अब केवल 9वीं और 10वीं के स्टूडेंट्स को ही स्कॉलरशिप दी जाएगी.

बता दें कि डिपार्टमेंट की तरफ से 15 नवंबर तक स्कॉलरशिप के लिए आवेदन मांगे गए थे. संस्थानों की तरफ से आवेदन दिए जाने के बाद अचानक प्रक्रिया को रोक दिया गया और इसलिए अब सिर्फ 9वीं व 10वीं के छात्रों के लिए स्कॉलरशिप को जारी रखा जाएगा.

कोई भी मदरसा अवैध या गैर कानूनी नहीं
इससे पहले राज्य में चल रहे मदरसा सर्वे को लेकर बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा था कि ये सर्वे कोई जांचु नहीं थी और ना ही कोई मदरसा फर्जी, नकली या गैरकानूनी है. उन्होंने आगे कहा कि सर्वे का मकसद मदरसों में सुधार था. मदरसा मैनेजमेंट को जारी किए गए एक पैगाम में उन्होंने कहा कि सरकारें वक्त-वक्त पर सर्वे कराती हैं. इससे पहली सरकारों के दौरान कराए गए सर्वे सुधार के मकसद से नहीं होते थे, इसीलिए उनकी चर्चा नहीं होती थी.

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