Average Private School Education Cost: आज के समय में हर कोई समय के साथ चलने की कोशिश कर रहा है. भारत में जैसे-जैसे आधुनिकता ने अपने पैर पसारे, वैसे ही लोगों की मानसिकता भी बदलती गई. लोगों की बदलती मानसिकता है सबसे बेहतर परिणाम शिक्षा के क्षेत्र में देखने को मिला. जब बदलते दौर के साथ ही हर पेरेंट्स अपनी बच्चों को अच्छी से अच्छी तालीम देने के लिए कहीं ज्यादा की कोशिश करते हैं.
हालांकि, आज भी यह सबके बस की बात नहीं है, क्योंकि पढ़ाई-लिखाई इतनी महंगी हो गई है कि एक आम मिडिल क्लास फैमिली के लिए और मुश्किल हो गई है. पहले तो बढ़िया स्कूल में एडमिशन के लिए दौड़भाग, उसके बाद कमर तोड़ देने वाला पढ़ाई का खर्च. आज हम बात करेंगे कि एक बच्चे को पढ़ाने में कितना खर्च होता है.
स्कूल की पढ़ाई की लागत में सिर्फ ऐडमिशन फी नहीं है, बल्कि यूनिफॉर्म, किताबें, जूते, ट्रांसपोर्ट और ट्यूशन फी के अलावा एक्स्ट्रा-करिकुलर ऐक्टिविटीज के लिए भी जेब ढीली करनी पड़ती है. उस पर हर साल स्कूलों की मनमानी बढ़ती फीस. यहां समझिए कि एक बच्चे की पढ़ाई पर औसत कितना खर्च होता है. हालांकि, ये आंकड़ा अलग-अलग क्लास, स्कूल और शहर के हिसाब से कम या ज्यादा भी हो सकता है.
एडमिशन और ट्यूशन फी
अच्छे प्राइवेट स्कूल ट्यूशन फी के तौर पर सालाना 1 से 2 लाख रुपये तक वसूलते हैं. वहीं, स्कूल एडमिशन फीस के नाम पर 25,000 से 1 लाख रुपये तक देना पड़ता है.
किताबों का खर्च
कुछ स्कूलों का दावा हैं कि वे खुद का करिकुलम फॉलो करते हैं. ऐसे में पेरेंट्स को स्कूलों से किताबें खरीदनी ही पड़ती हैं. हालांकि, कुछ राज्य सरकारों ने इस पर बैन लगाया है, लेकिन स्कूल यहां भी चालाकी करते हैं, वे कार्रवाई से बचने के लिए किताबों का पेमेंट कैश में लेते हैं. इन किताबों पर ही 4 से 12 हजार रुपये खर्च करना पड़ता है.
जूतों पर खर्च
कई स्कूल अच्छे या फिर ब्रांडेड जूतों को ही अपने स्कूल की यूनिफॉर्म का हिस्सा बताते हैं. ऐसे में पेरेंट्स को बच्चे के केवल एक जोड़ी जूते पर ही तकरीबन 2,000 रुपये तक खर्च करना पड़ता है. जबकि, कम कीमत जूते भी 500 से 1,000 रुपये के आते हैं.
यूनिफॉर्म पर 3 हजार से 7 हजार रुपये
आजकल हर स्कूल में आमतौर पर नॉर्मल और स्पोर्ट्स यूनिफॉर्म होती हैं, जिस पर 3 हजार से 7 हजार रुपये तक खर्च आता है.
स्कूल बस का खर्च
हर स्कूल में बसों का किराया अलग-अलग होता है. बच्चे के घर से स्कूल दूर है तो उसके हिसाब से चार्ज लिया जाता है. जानकारी के मुताबिक स्कूल कैंपस से 2 किमी से कम के दायरे का किराया 28 हजार से 30 हजार रुपये सालाना होगा. जबकि, 5 किमी तक के लिए 32 हजार से 35 हजार रुपये और उससे ज्यादा दूरी पर 35 हजार से 60,000 रुपये तक ट्रांसपोर्ट खर्च आएगा.
एक्स्ट्रा चार्ज
ज्यादातर स्कूल एक्स्ट्राकरिकुलर ऐक्टिविटीज, टूर्स, एनुअल-डे, स्पोर्ट्स-डे आदि के नाम पर अलग से पैसा वसूला जाता है.
इतना होता है एक बच्चे पर सालाना खर्च
इन सभी खर्चों को जोड़ा जाए तो एक बच्चे की पढ़ाई पर सालाना औसतन 2 से लेकर 3 लाख रुपये तक का खर्च आएगा. इस तरह जिनके दो बच्चे हैं तो ये खर्च 4 से 6 लाख रुपये तक हो जाता है.