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JEE Advanced में ऑल इंडिया 99 रैंक लाने के बावजूद छोड़ा IIT Bombay, बताई यह वजह

मोहम्मद साहिल अख्तर ने कहते हैं कि MIT के पास अधिक रिसर्च के अवसर और एक फ्लैक्सिबल पाठ्यक्रम और उन्हें रिसर्च एक टेक्निकल जॉब से कई अधिक आकर्षित करती है.

JEE Advanced में ऑल इंडिया 99 रैंक लाने के बावजूद छोड़ा IIT Bombay, बताई यह वजह
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Kunal Jha|Updated: Jul 21, 2023, 07:06 AM IST

नई दिल्ली: आईआईटी (IIT) में दाखिला लेना और पढ़ाई करना कई उम्मीदवारों और छात्रों का एक सपना होता है. कोलकाता के मोहम्मद साहिल अख्तर 10वीं कक्षा से ही जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) की तैयारी कर रहे थे, ताकि वह आईआईटी में एडमिशन ले सकें. लेकिन बाद में उन्होंने इसके बजाय एक नया सपना देखा और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में दाखिला लिया.

मोहम्मद साहिल अख्तर ने 10वीं कक्षा से ही आईआईटी में एडमिशन पाने के लिए काफी मेहनत की थी. उन्होंने अपना सपना तब पूरा किया जब उन्हें जेईई-एडवांस्ड 2023 के लिए ऑल इंडिया मेरिट लिस्ट में 99वीं रैंक हासिल की थी. हालांकि, 17 वर्षीय मोहम्मद साहिल अख्तर ने जेईई एडमिशन प्रोसेस को छोड़ने और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में जाने का फैसला किया.

ऐसा करने के अपने कारणों के बारे में बताते हुए, मोहम्मद साहिल अख्तर ने कहा कि एमआईटी के पास "अधिक रिसर्च के अवसर और एक फ्लैक्सिबल पाठ्यक्रम" है.

साहिल ने आगे कहा, "रिसर्च मुझे टेक्निकल जॉब से अधिक आकर्षित करता है. भारत में, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) भी एक विकल्प था, लेकिन एमआईटी अधिक फ्लैक्सिबिलिटी प्रदान करता है. भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली के विपरीत, मुझे पहले वर्ष में ही अपने अंतिम प्रमुख विषय पर निर्णय नहीं लेना है. क्योंकि अभी भी बहुत कुछ है, जो मैंने नहीं देखा है."

मोहम्मद साहिल अख्तर कंप्यूटर साइंस और फिजिक्स में दोहरी पढ़ाई करना चाहते हैं. उन्हें एस्ट्रोनॉमी, एस्ट्रोफिजिक्स और डेटा साइंस में भी रुचि है.

मोहम्मद साहिल अख्तर ने कहा, "आम तौर पर, सबसे अधिक डिमांग वाला रूट यही है कि आईआईटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (CSE) में एडमिशन लिया जाए. मेरे माता-पिता ने आईआईटी बॉम्बे पर विचार करने का सुझाव दिया था, लेकिन उन्होंने बताया कि यह जॉर्जिया में आईओएए ओलंपियाड में था. ऐसे में उन्हें अन्य विकल्पों का एहसास हुआ जो उनके लिए उपलब्ध हैं.

मोहम्मद साहिल अख्तर ने कहा, "एडमिशन के लिए किसी प्रवेश परीक्षा या रैंक पर कोई निर्भरता नहीं थी. मैं स्टैंडर्ड एडमिशन टेस्ट (SAT) के लिए उपस्थित हुआ. लेकिन SAT स्कोर से अधिक, MIT में एडमिशन संस्थान की प्रवेश समिति के मूल्यांकन पर आधारित था. मेरा आवेदन में मेरे समग्र शैक्षणिक रिकॉर्ड, शिक्षाविदों के साथ-साथ पाठ्येतर गतिविधियों में उपलब्धियां, निबंध और मेरे स्कूल के शिक्षकों के अनुशंसा पत्र शामिल थे."

मोहम्मद साहिल अख्तर ने कोलकाता के रूबी पार्क में दिल्ली पब्लिक स्कूल  (डीपीएस) से पढ़ाई की है और अप्रैल में जेईई के लिए उपस्थित हुए थे. मोहम्मद साहिल अख्तर ने हाल ही में अपने जैसे अन्य उम्मीदवारों को विभिन्न रुचियों का पता बताने के लिए, प्रेरित करने और मदद करने के लिए एक यूट्यूब चैनल भी शुरू किया है.

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