trendingNow11344101
Hindi News >>शिक्षा
Advertisement

Jellyfish Facts: इंसानों के लिए बेहद खतरनाक जैलीफिश को मिला है अमरता का वरदान, खूबियां कर देंगी हैरान

Ajab gajab News: जैलीफिश की एक प्रजाति में बूढ़े होकर ना मरने की खासियत साइंटिस्ट के लिए बेहद दिलचस्प विषय है. स्पेन के शोधकर्ताओं ने जैलीफिश की जीनोम पर स्टडी की. टूरिटोप्सिस डॉहर्नी नाम की जैलीफिश पर स्टडी में यह जानने की कोशिश की कि जैलीफिश में ऐसा क्या है कि जो वह बार-बार यौवन हासिल कर लेती है.

Jellyfish Facts: इंसानों के लिए बेहद खतरनाक जैलीफिश को मिला है अमरता का वरदान, खूबियां कर देंगी हैरान
Stop
Arti Azad|Updated: Sep 09, 2022, 06:22 PM IST

Jellyfish Facts: जो भी इस धरती पर जन्म लेता है वो मरता भी है. इंसान भी जन्म लेता है बचपन को जिंदादिली से जीता है, जवान होता है और बूढ़ा होने के बाद उसकी मृत्यु तय है. हालांकि, वक्त से पहले भी इंसान काल के गाल में समा जाता है. वहीं, धरती पर एक जीव ऐसा भी है जो मरता नहीं और वह अपवाद है अमर जैलीफिश. आपको जानकर हैरानी होगी की इस  जीव में बार-बार अपने यौवनकाल में लौटने की क्षमता होती है.

जानें क्यों दिखती हैं जैलीफिश पारदर्शी
जैलीफिश एक प्रकार की मछली होती है. पूरे विश्व में इसकी 1500 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं. दिखने में पारदर्शी नजर आने वाली जैलीफिश बहुत खतरनाक होती है. पूरी दुनिया में यह इकलौती फिश है, जिसमें 95 प्रतिशत पानी होता है. इसके कारण ही यह मछली पारदर्शी नजर आती है. 

इंसानों के लिए बेहद खतरनाक है यह छोटा सा जीव 
इसके डंक मारने से कुछ ही देर में व्यक्ति की मौत हो सकती है. हालांकि, ये समंदर की गहराइयों में पाई जाती हैं. जहां तक सूरज की किरणों का पहुंच पाना संभव नहीं हैं. ऐसे में इंसानों को इनसे इतना जोखिम नहीं है. जैलीफिश का अस्तित्व इंसानों से भी पुराना माना जाता है. जैलीफिश कभी न मरने वाला जीव है. इनके दो हिस्से कर दिए जाए तो भी ये मरती नहीं हैं.  उन दो हिस्सों से अलग-अलग जैलीफिश का जन्म होता है. कहा जाता है कि जैलीफिश के पास दिमाग नहीं होता. बेहद खूबसूरत दिखने वाली जैलीफिश की मूंछें इंसान की स्किन से टच हो जाए तो तुरंत इलाज कराना पड़ता है. क्योंकि उनकी मूंछें बेहद जहरीली होती है.  

जैलीफिश के अमरता का राज
स्पेन के शोधकर्ताओं ने टूरिटोप्सिस डॉहर्नी नाम की जैलीफिश के अमरता का राज जानने के लिए जीनोम सीक्वेसिंग कर बहुत से प्रमुख जीनोम को खोजा जो मौत से बचने के अलावा लंबी उम्र में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. स्पेन के शोधकर्ताओं की टीम ने एक खास जैलीफिश की जैनेटिक सीक्वेंस की मैपिंग की जिससे वे उनकी लंबी उम्र के रहस्य का खुलासा कर सकें. साथ ही उससे इंसान के उम्र ढलने के बारे में जानकारी जुटा सकें. यह अध्ययन प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस में प्रकाशित हुआ है.

टूरिटोप्सिस रूब्रा की सीक्वेंसिंग की गई
इस खास अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने टूरिटोप्सिस डॉहर्नी नामक जैलीफिश के साथ उसी की एक अन्य प्रजाति टूरिटोप्सिस रूब्रा की सीक्वेंसिंग की गई. इस सीक्वेंसिंग का उद्देश्य यह पता करना था कि कौन सी जीन्स हैं जो दोनों में इस विशेष विविधता को जन्म देती है. टूरिटोप्सिस रूब्रा जैलीफिश में प्रजनन  के बाद लंबा जीवन जाने की क्षमता नहीं रह जाती है.  

 जीनोम में पाई जाती ऐसी विविधता
अपने जीनोम सीक्वेंसिंग की स्टडी में शोधकर्ताओं ने यह जाना कि टूरिटोप्सिस डॉहर्नी के जीनोम में ऐसी विविधता पाई जाती है, जिसके कारण वह अपने डीएनए की प्रति बनाती है. इसके साथ ही उसकी मरम्मत करती है. इसके अलावा वे क्रोमोजोम के अंतिम छोर टेलोमर्स को बरकरार रखने में बेहतर होते हैं. टेलेमर की लंबाई इंसानों में उम्र के साथ कम होती जाती है. 

पुनर्जीवन के लिए जिम्मेदार कारक 
इस स्टडी की पहली राइटर मारिया पास्कॉल टोर्नर में एक अपने एक बयान में कहा था कि उनकी टीम के शोध में अमरता और पुनर्जीवन के लिए एक ही कारक होने की जगह कई प्रणालियों की सक्रियता पाई गई. ये सारी प्रणालियां सहक्रियात्मक रूप से मिलकर एक साथ काम करती हैं और ऐसी प्रक्रिया सुनिश्चित करती है जो एक तरह से अमर जैलीफिश को एक तरह से पुनर्जीवित कर देती हैं. 

वहीं, दूसरे तरह की जैलीफिश की तरह टूरिटोप्सिस डॉहर्नी दो तरह के लाइफ साइकल से होकर जाती है. एक उनके समुद्री तल पर अलैंगिक दौर होता है. इसमें उनका मकसद कम भोजन मिलने पर भी जीवित रहना होता है. वहीं, जब परिस्थितियां अनुकूल होती है, तब जैलीफिश लैंगिंक प्रजनन करती हैं. 

Read More
{}{}