trendingNow11305447
Hindi News >>शिक्षा
Advertisement

टैक्सी वाले के नेत्रहीन बेटे ने किताबों को ब्रेल भाषा में ट्रांसलेट कर की UPSC की तैयारी, बने IAS

IAS Officer Bala Nagendran Success Story: बाला भले ही नेत्रहीन थे, लेकिन वे हमेशा से ही पढ़ाई में होशियार थे. पढ़ाई-लिखाई में उनकी इस लगन को देखते हुए ही उनके एक टीचर ने उन्हें यूपीएससी की सिविल सर्विसेस की परीक्षा की तैयारी करने का सुझाव दिया था.

टैक्सी वाले के नेत्रहीन बेटे ने किताबों को ब्रेल भाषा में ट्रांसलेट कर की UPSC की तैयारी, बने IAS
Stop
Updated: Aug 28, 2022, 09:00 AM IST

IAS Officer Bala Nagendran Success Story: किसी ने सच ही कहा है कि जो इंसान अपनी कमियों पर काम करता है, वही इंसान अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है. कुछ ऐसी ही कहानी है आईएएस ऑफिसर बाला नागेंद्रन (IAS Officer Bala Nagendran) की. आप ने आब तक कई आईएएस व आईपीएस ऑफिसर्स की कहानी पढ़ी होगी, लेकिन बाला नागेंद्रन की सफलता की कहानी कुछ अलग ही है. आईएएस बाला नागेंद्रन का नाम उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने अपनी कमियों पर सफलता हासिल करते हुए आईएएस का मुकाम हासिल किया है. बाला नागेंद्रन की कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेणादायक है, जो किसी ना किसी प्रकार से शारीरिक तौर पर दिव्यांग हैं और यह सोचते हैं कि वे अपने जीवन में कभी कुछ बड़ा हासिल नहीं कर सकते हैं. 

बाला बचपन से ही पूरी तरह हैं नेत्रहीन 
बाला नागेंद्रन तमिलनाडु के रहने वाले हैं. बाला बचपन से ही पूरी तरह से नेत्रहीन हैं. हालांकि, उन्होंने कभी भी अपनी इस कमजोरी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और यही कारण हैं कि उनकी यह कमजोरी कभी उनकी सफलता के आड़े नहीं आ सकी.

पिता चलाते थे टैक्सी 
बाला ने अपनी स्कूली शिक्षा लिटिल फ्लावर कॉन्वेंट और रामा कृष्णा मिशन स्कूल से पूरी की है. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वे चेन्नई चले गए. चेन्नई के लोयला कॉलेज से उन्होंने बीकॉम (B.com) की डिग्री हासिल की. बता दें बाला के पिता भारतीय सेना से रिटायर्ड ऑफिसर हैं. रिटायरमेंट के बाद बाला के पिता ने चेन्नई में ही टैक्सी चलाने का काम शुरू कर दिया था, जिससे घर की रोजी-रोटी चला करती थी.

14 की उम्र में शादी तो 18 तक बनीं दो बच्चों की मां, फिर भी नहीं मानी हार, बनीं IPS ऑफिसर

परीक्षा की तैयारी के लिए किताबों को ब्रेल भाषा में किया ट्रांसलेट
बता दें कि बाला भले ही नेत्रहीन थे, लेकिन वे हमेशा से ही पढ़ाई में होशियार थे. पढ़ाई-लिखाई में उनकी इस लगन को देखते हुए ही उनके एक टीचर ने उन्हें यूपीएससी की सिविल सर्विसेस की परीक्षा (UPSC Civil Services Exam) की तैयारी करने का सुझाव दिया. बाला ने भी यूपीएससी की तैयारी करने का मन बनाया और अपनी आंखों में आईएएस अधिकारी बनने का सपना संजोया. सबसे पहले बाला ने तैयारी के लिए सभी जरूरी किताबों को ब्रेल भाषा में ट्रांसलेट किया, जिसमें उनहें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद वे रुके नहीं और उनके इस जज्बे ने ही उनकी आगे की राह आसान कर दी.

8वें अटेंप्ट में मात्र एक नंबर से चूके 
आईएएस बनने की राह बाला के लिए इतनी आसान नहीं थी. बाला को परीक्षा की तैयारी के दौरान शारीरिक, मानसिक व आर्थिक परेशानियों का काफी सामना करना पड़ा था. बाला ने अपने 9वें अटेंप्ट में यूपीएससी की परीक्षा पास क्रैक की थी. साल 2017 में उन्होंने अपना 8वा अटेंप्ट दिया था, जिसमें वे सिलेक्ट होने से मात्र एक नंबर से चूक गए थे. इस झटके के बाद उन्होंने अपनी परीक्षा की तैयारी डबल कर दी, जिसके बाद साल 2019 में उन्होंने 659वीं रैंक हासिल की और आईएएस ऑफिसर बन गए.

Read More
{}{}