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Knowledge: हेलीकॉप्टर में तो विंग्स नहीं होते, फिर ये हवा में मुड़ता कैसे है और कैसे चलता है आगे पीछे?

Knowledge: अगर हम हवाई जहाज की बात करें तो इसके उड़ान भरने में इंजन और विंग्स की अहम भूमिका होती है, विंग्स के जरिए ही प्लेन को दाएं या बाएं घुमाया जा सकता है, लेकिन हेलीकॉप्टर में विंग्स नहीं होते. जानें इसे कैसे मूव कराया जाता है...

Knowledge: हेलीकॉप्टर में तो विंग्स नहीं होते, फिर ये हवा में मुड़ता कैसे है और कैसे चलता है आगे पीछे?
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Arti Azad|Updated: Apr 28, 2023, 05:56 PM IST

Knowledge: आसमान में उड़ान भरता हेलीकॉप्टर कभी हमारे लिए किसी अचरज से कम नहीं हुआ करता था, इसकी आवाज आते ही हम घर से बाहर निकलकर बड़े चाव से इसे देखने के लिए दौड़ लगा देता थे. ये तो सभी जानते हैं कि हेलीकॉप्टर के ऊपर लगे बड़े पंखे की मदद से यह जमीन से ऊपर उठकर हवा में उड़ान भरता है, लेकिन क्या कभी आपके मन में यह सवाल आया हेलीकॉप्टर हवा में कैसे मुड़ता है और आगे-पीछे कैसे चलता है? आज जानेंगे यह कैसे काम करता है...

हवाई जहाज के ऊपर लगा पंखा घर में लगे सीलिंग फैन की तरह ही होता है. यह हवा को ऊपर से नीचे की ओर धकेलता है. यही वजह है जिससे हेलीकॉप्टर हवा में ऊपर की तरफ उड़ पाता है. 

यहां बरनौली का सिद्धांत काम करता है. हेलीकॉप्टर उड़ने के लिए रोटेटिंग विंग्स का इस्तेमाल करता है, जिन्हें ब्लेड्स कहते हैं. इनकी सहायता से हेलीकॉप्टर वो सब कुछ कर पाता है जो हवाई जहाज के लिए बिना विंग्स के करना पॉसिबल ही नहीं है.

बरनौली का सिद्धांत
बरनौली के सिद्धांत के अनुसार, जब गति बढ़ेगी है तो दबाव घटेगा और जब हवा की गति कम होगी तब दबाव बढ़ता है. इस तरह हवा की गति और प्रेशर एक-दूसरे से संबंधित होते है. विंग्स को कुछ इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि उनका ऊपर का भाग कर्व्ड रहता है, जबकि विंग्स के नीचे का भाग समतल होता है. विंग्स का यह शेप अपने ऊपर से गुजरने वाली वायु की गति को, नीचे से गुजरने वाली वायु के मुकाबले बढ़ा देता है, जिससे ऊपर की हवा का प्रेशर कम हो जाता है और नीचे की हवा का प्रेशर बढ़ जाता है. इससे विंग्स को ऊपर उठने में मदद मिलती है.

इस तरह दाएं-बाएं या आगे-पीछे जाता है हेलीकॉप्टर
हेलीकॉप्टर रोटर ब्लेड्स की मदद से ही हवा में दाएं-बाएं या आगे-पीछे चलाया जा सकता है. इसके लिए 5 बेसिक मूवमेंट और स्टीयरिंग कंट्रोल होते हैं, जिनमें दो हैंड लीवर्स कलेक्टिव और साइक्लिक पिच, एक थ्रोट और दो फुट पेडल्स शामिल होते हैं. हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए इन अलग-अलग कंट्रोल के बीच एक कांप्लेक्स इंटरप्ले होता है. इसे मूव कराने के लिए पायलट साइक्लिक पिच में घूमाते हुए ब्लेड्स में से एंगल चेंज करता है.

जैसे हेलीकॉप्टर को लेफ्ट साइट मूव कराना है, तो दाएं तरफ के ब्लेड्स के एंगल को बढ़ाकर बाएं तरफ के ब्लेड्स का एंगल कम किया जाता है. इसी प्रकार आगे की तरफ हेलिकॉप्टर को मूव कराने के लिए फ्रंट में रोटर ब्लेड्स के एंगल को कम करके  बैक रोटर ब्लेड्स के एंगल को बढ़ाया जाता है. 

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