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Career Tips: सुप्रीम कोर्ट/हाईकोर्ट में जज बनने का है सपना? ऐसे करनी होगी तैयारी, ये हैं नियुक्ति प्रक्रिया और सैलरी

Creer Tips: हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जज बनने के लिए कई वर्षों का अनुभव जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के तहत कई अहम फैसले लिए जाते हैं. सरकार को भी न्यायधीशों के फैसलों को मानना पड़ता है. यहां जानें कैसे बन सकते हैं जज, क्या है जरूरी योग्यता, कितनी मिलती है सैलरी?

Career Tips: सुप्रीम कोर्ट/हाईकोर्ट में जज बनने का है सपना? ऐसे करनी होगी तैयारी, ये हैं नियुक्ति प्रक्रिया और सैलरी
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Arti Azad|Updated: Nov 05, 2022, 04:46 PM IST

How to Beacome A Judge: आज के समय में हर कोई रसूख वाली जॉब करना चाहता है. इसके लिए युवा कड़ी मेहनत भी करते हैं. कई स्टूडेंट्स आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, टीचर, कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी प्राप्त करना चाहते हैं, तो कुछ की दिलचस्पी न्यायपालिका के क्षेत्र में करियर बनाने की होती है. उसमें भी वकील के रूप में करियर बनाना आसान है, लेकिन जज बनने के लिए आपको बहुत मेहनत करनी होती है.

ज्यादातर युवा जज बनने का सपना तो देखते हैं, लेकिन उन्हें ये नहीं पता होता कि न्यायधीश बनने के लिए क्या करना होता है, इसके लिए कौन-सा कोर्स करना होगा? वक्त रहते सही गाइडेंस न मिल पाने के कारण भी कई स्टूडेंट्स जज बनने का सपना पूरा नहीं कर पाते हैं. जानें सुप्रीम कोर्ट और  हाईकोर्ट के जज की नियुक्ति किस आधार पर होती है. इसके लिए जरूरी योग्यता क्या निर्धारित की गई है.

जरूरी शैक्षिक योग्यता
जज बनने के लिए आपको 12वीं के बाद किसी मान्यता प्राप्त संस्थान/यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल करना होता है. 
आप चाहे तो ग्रेजुएशन के बाद भी एलएलबी डिग्री कोर्स कर सकते हैं. 
12वीं के बाद एलएलबी डिग्री कोर्स 5 साल का होता है और ग्रेजुएशन के बाद एलएलबी कोर्स 3 साल का होता है.
एलएलबी के बाद जज की भर्ती निकलती है, तब कैंडिडेट्स इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं. 
ज्यूडिशियल सर्विस एग्जाम तीन चरणों में होता है, जिसमें प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू शामिल हैं.
इन परीक्षाओं में अच्छे अंक हासिल करना होगा, क्योंकि परीक्षा के अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार होती है.
मेरिट के आधार पर जज की नियुक्ति होती है.

सभी राज्य सरकारें अलग-अलग माध्यमों से न्यायधीशों की नियुक्ति करती हैं. कई राज्यों में राज्य के हाईकोर्ट के जज की भर्ती करती है. वहीं, कई राज्यों में वहां के राज्य लोक सेवा आयोग न्यायाधीश की नियुक्ति करती है.

योग्यता- हाईकोर्ट जज
कैंडिडेट्स को भारतीय नागरिक होना चाहिए.
कैंडिडेट्स ने लॉ में ग्रेजुएशन किया होना चाहिए
कैंडिडेट्स को वकालत में 10 साल का अनुभव होना चाहिए.

योग्यता- सुप्रीम कोर्ट जज
इसके लिए भी सबसे जरूरी योग्यता है कि कैंडिडेट्स को भारतीय नागरिक होना चाहिए.
हाईकोर्ट में कम से कम 5 साल तक जज रह चुके हों या फिर हाईकोर्ट में कम से कम 7 से 10 साल तक वकालत की हो.
राष्ट्रपति के विचार में जाने-माने कानूनविद भी जज बन सकते हैं.

ऐसे होती है सुप्रीम कोर्ट में जज की नियुक्ति 
संविधान के मुताबिक इंडिया के राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के जजों की नियुक्ति कॉलेजियम की सलाह पर करते हैं. कॉलेजियम में देश के सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट के 4 सीनियर जज होते हैं. यही कॉलेजियम हाईकोर्ट जज की भी नियुक्ति करता है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की सलाह सबसे अहम मानी जाती है.

जज की सैलरी
जूनियर सिविल जज की सैलरी 45 हजार और सीनियर जज की सैलरी करीब 80 हजार रुपये महीने होती है. वेतन में राज्य के हिसाब से अंतर हो सकता है.  हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को 2.50 लाख रुपये वेतन मिलता है. जबकि, हाईकोर्ट के अन्य जजों की सैलरी 2.25 लाख रुपये प्रतिमाह होती है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का वेतन 2.80 लाख है और अन्य जजों का वेतन 2.50 लाख रुपये प्रतिमाह मिलता है.

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