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Mamata Yadav Case: नौकरशाही के जाल में फंसी जांच, 9 महीने बाद भी हाथ खाली, ममता केस की मौत की कब सुलझेगी गुत्थी?

Who is Mamata Yadav: ममता यादव की डेड बॉडी अभी भी परिवार को सुपुर्द की जानी बाकी है. उनका परिवार अशोकनगर में रहता है, जो राजधानी भोपाल से 200 किलोमीटर दूर है. जांच मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के पुलिस विभागों के बीच नौकरशाही की जड़ों में फंसी हुई है.

Mamata Yadav Case: नौकरशाही के जाल में फंसी जांच, 9 महीने बाद भी हाथ खाली, ममता केस की मौत की कब सुलझेगी गुत्थी?
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Rachit Kumar|Updated: Jun 24, 2024, 11:36 PM IST

MP BJP Leader Death Mystery: मध्य प्रदेश बीजेपी की नेता ममता यादव की रहस्यमयी मौत की गुत्थी 9 महीने बाद भी नहीं सुलझ पाई है. अब तक दो राज्यों की पुलिस को जांच में कोई सुराग हासिल नहीं हुआ है. 

ममता यादव की डेड बॉडी अभी भी परिवार को सुपुर्द की जानी बाकी है. उनका परिवार अशोकनगर में रहता है, जो राजधानी भोपाल से 200 किलोमीटर दूर है. जांच मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के पुलिस विभागों के बीच नौकरशाही की जड़ों में फंसी हुई है.

प्रयागराज में मिला था शव

ममता यादव का शव यूपी के प्रयागराज में मिला था और पहचान टैटू से हुई थी. परिवार का कहना है कि वह हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करना चाहते हैं, लेकिन कर नहीं पा रहे.

ममता की मां ने कहा, 'हम पूरे सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार करना चाहते हैं. पुलिस को उसका शव हमें दे देना चाहिए.' 

21 सितंबर 2023 को हुई थी आखिरी बातचीत

11 सितंबर 2023 को ममता यादव लापता हो गई थीं. उन्होंने परिवार को बताया था कि वह जान-पहचान के किसी शख्स से 7 लाख रुपये लेने प्रयागराज जा रही हैं. उन्होंने 21 सितंबर को आखिरी बार अपने भाई से बात की थी. इसके बाद वह लापता हो गईं. परिवार के बार-बार अनुरोध करने पर भी पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखने में देरी की. अब जांच में भी उसे महीनों से कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है.

फरवरी में ममता के भाई राजभान को प्रयागराज पुलिस ने लावारिस शवों की तस्वीरों से पहचान करने के लिए बुलाया था. शव 26 सितंबर 2023 को मिला और पुलिस ने उसे प्रयागराज में दफना दिया. 

राजभान ने कहा, 'फोन पर ममता ने कहा था कि उसकी जिंदगी खतरे में है. लेकिन हमारे बार-बार कहने पर पुलिस ने बहुत थोड़ी मदद की.'

पेन ड्राइव्स में क्या था?

ममता के भाई ने बताया कि उनकी बहन के पास पेन ड्राइव्स थे, जिनमें कुछ राजनेताओं के बारे में संवेदनशील जानकारियां थीं. उन्होंने बताया, 'राजनीतिक दबाव काफी ज्यादा था. मेरी बहन ने एक लॉकर में दो पेन ड्राइव्स रखे थे, लेकिन उसमें क्या है वह नहीं बताया.' 

क्षेत्राधिकार विवादों के कारण जांच में रुकावट खड़ी हो गई है. अशोकनगर के एसपी विनीत जैन ने कहा, 'शव प्रयागराज पुलिस को मिला था इसलिए जांच करने की जिम्मेदारी उनकी है. हमने सारे सबूत उनको सौंप दिए हैं.' वहीं कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने भी बीजेपी नेता की मौत की हाई लेवल जांच कराने की मांग की है. 

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