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UP News: 'श्रीराम और कृष्ण आज होते तो जेल भेजता...' इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का विवादित बयान

AU Professor Derogatory Comment: हिंदू देवी-देवताओं पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विक्रम की विवादित टिप्पणी के मामले में तूल पकड़ लिया है. हिंदू संगठनों की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है.

UP News: 'श्रीराम और कृष्ण आज होते तो जेल भेजता...' इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का विवादित बयान
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Vinay Trivedi|Updated: Oct 23, 2023, 10:15 AM IST

Professor Vikram Controversy: यूपी की इलाहाबाद यूनिवर्सिटी (AU) के प्रोफेसर विक्रम (Vikram) के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है. प्रोफेसर पर भगवान श्रीराम और कृष्ण पर विवादित बयान देने का आरोप है. प्रोफेसर विक्रम के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद (VHP), हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल ने शिकायत की है. वीएचपी के जिला संयोजक शुभम ने इससे मामले में कर्नलगंज पुलिस स्टेशन में तहरीर दी है. जिसके बाद मिडिवल एंड मॉडर्न हिस्ट्री डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए यानी धर्म के आधार पर वैमनस्य फैलाने, 295-ए यानी किसी वर्ग के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

प्रोफेसर का नफरती बयान

प्रोफेसर विक्रम पर आरोप है कि वह ‘एक्स’ पर आए दिन हिंदू धर्म के देवी-देवताओं पर अभद्र और नफरती टिप्पणी करते रहते हैं. हिंदू धर्म के देवी-देवताओं पर विवादित टिप्पणी से ना केवल यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स में गुस्सा है, बल्कि हिंदू समाज भी नाराज है. हिंदू संगठनों ने इस मामले में प्रोफेसर विक्रम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

प्रोफेसर पर क्या है आरोप?

प्रोफेसर विक्रम ने‘एक्स’ पर पोस्ट किया था कि यदि आज प्रभु राम होते तो मैं ऋषि शम्भुक का वध करने के लिए उनको आईपीसी की धारा 302 के तहत जेल भेजता और यदि आज कृष्ण होते तो महिलाओं के साथ हैरेसमेंट के केस के लिए उनको भी जेल भेजता. जान लें कि इस पर जब प्रोफेसर विक्रम से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैंने संविधान के दायरे में रहकर ये पोस्ट किया था. वहीं, प्रोफेसर की शिकायत करने वाले वीएचपी नेता शुभम ने इसका विरोध किया है.

उठाया जा रहा बोलने की आजादी का फायदा?

वीएचपी नेता शुभम ने कहा कि भारतीय संविधान बोलने की आजादी देता है, लेकिन प्रोफेसर विक्रम जैसे लोग सामाजिक अशांति फैलाने के लिए इसका फायदा उठा रहे हैं. वे इस बात को नहीं जानते हैं कि संविधान ऐसी टिप्पणी करने की इजाजत नहीं देता है. इससे देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था खतरे में पड़ सकती है.

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