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Atiq Ahmed Confession: सामने आया अतीक अहमद का सबसे बड़ा राज, खुल गया उमेश पाल हत्याकांड का एक-एक सीक्रेट

Big Disclosure On Umesh Murder: माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की चार्जशीट से कई बड़े खुलासे हुए हैं. ये भी पता चला है कि उमेश पाल हत्याकांड की प्लानिंग कैसे हुई थी और किसको क्या रोल मिला था.

Atiq Ahmed Confession: सामने आया अतीक अहमद का सबसे बड़ा राज, खुल गया उमेश पाल हत्याकांड का एक-एक सीक्रेट
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Ajeet Singh|Updated: Oct 05, 2023, 12:08 PM IST

Atiq Ahmed Big Disclosure: उमेश पाल की हत्या (Umesh Pal Murder) की जांच में पुलिस टीम ने एक चार्जशीट दायर की है. इस चार्जशीट में जो बातें लिखी हैं वो बताती हैं कि अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के जुर्म की सरहद सिर्फ देश ही नहीं बल्कि LoC पार तक फैली हुई थी. इस चार्जशीट में लिखा है कि प्रयागराज कौशांबी के आसपास विवादित जमीनों को खरीदना और उसे खाली कराना और उसको महंगे दामों में बेचना अतीक का मुख्य पेशा था. अतीक ने माना कि 2005 में भाई अशरफ के खिलाफ राजू पाल की जीत को वो बर्दाश्त नहीं कर पाया था और दिनदहाड़े राजूपाल की हत्या करा दी थी. चार्जशीट में ये भी लिखा है कि उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड का चश्मदीद गवाह था उस पर गवाही से पीछे हटने का दबाव भी बनाया लेकिन वो नहीं माना इसीलिए बाद में उसकी हत्या करा दी.

चार्जशीट में हुआ बड़ा खुलासा

चार्जशीट के मुताबिक, अतीक अहमद ने माना कि पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब की सीमा में हथियार गिराए जाते हैं जिनको लोकल कनेक्शन इकट्ठा कर लेता है. यही हथियार जम्मू-कश्मीर के दहशतगर्दों और खालिस्तान की मुहिम चलाने वालों को मिलते हैं. यही हथियार उसके पास भी आते थे. अतीक अहमद के कबूलनामे के मुताबिक, इलाहाबाद और कौशांबी के आसपास के क्षेत्र में विवादित जमीन को खरीदना व उसकी खाली करना और उसको महंगे दामों बेचना है यही उसका मुख्य पेशा था. इस कारोबार में दबदबे की जरूरत होती थी जिसके लिए 100 से 200 लोगों की जरूरत थी जो एक इशारे पर अतीक के लिए किसी की भी जान ले सकते थे. चांद मियां नाम के गुंडे ने मुझे दबाने का प्रयास किया लेकिन मैं बिल्कुल नहीं दबा और अपने रास्ते से हटाने के लिए उसकी हत्या भी कर दी.

राजू पाल को क्यों मारा?

अतीक ने खुलासा किया था कि कौशांबी में 2005 में मेरे भाई अशरफ के खिलाफ राजू पाल ने चुनाव लड़ा और जीत गया. यह हार बर्दाश्त नहीं हुई जिसके कारण राजू पाल को दिन-दहाड़े सड़क पर दौड़ा-दौड़ा कर गोलियों से छलनी कर दिया. राजू पाल हत्याकांड का चश्मदीद गवाह था. उमेश पाल जिसको कई बार समझाया कि रास्ते से हट जाए लेकिन वह मेरी बात नहीं माना और अंत में उमेश पाल को भी अपने रास्ते से हटना पड़ा.

असद को किसने ट्रेन किया?

अतीक ने बताया कि मेरे बेटे असद को अशरफ ने अपनी शागिर्दी में ले लिया और इतना साहसिक बना दिया कि वह कत्ल जैसी घटना को आसानी से अंजाम दे सकता था. अशरफ कहता था कि हम लोगों के बाद गैंग की कमान असद संभालेगा. उमेश पाल अपहरण केस में उमेश पाल ने मेरे और मेरे भाई के खिलाफ गवाही दे दी थी, जिसको लेकर मेरे भाई अशरफ, मेरी पत्नी शाइस्ता, अशरफ की पत्नी जैनब, मेरी बहन आयशा नूरी, बहनोई इकलाख और मेरे बच्चों ने कहा कि अगर उमेश पाल का कोई ठोस इंतजाम नहीं होगा तो उमेश पाल हम लोगों को बर्बाद कर देगा.

उमेश पाल हत्याकांड की प्लानिंग

उमेश पाल हत्याकांड के लिए सभी का कोड वर्ड में नाम रखा गया था. मेरे बड़े अशरफ का छोटे, गुलाम का गुल्लू, असद का ठाकुर, एहजाम का मोटू और अन्य का ध्रुव रखा गया. उमेश पाल की हत्या के लिए मेरा बेटा असद, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, अरमान, अरबाज, विजय चौधरी और साबिर के साथ रहेगा. लेकिन उमेश पाल को मेरा बेटा गोली नहीं मारेगा. अगर शूटरों ने काम पक्का नहीं किया तो तब मेरा बेटा असद आगे बढ़कर काम को पक्का करेगा. उमेश पाल किसी भी हाल में बचना नहीं चाहिए और पुलिस वाले भी बचने नहीं चाहिए.

पुलिस की कार्रवाई से डरा अतीक

उमेश पाल की हत्या के बाद हम लोग की हालत बद से बत्तर हो गई क्योंकि पुलिस ने सारी साजिश का पर्दाफाश कर दिया था. अगर मालूम होता पुलिस इतनी सरगर्मी से कार्रवाई करेगी तो उमेश पाल के कत्ल की तैयारी करने से पहले 100 बार सोचता. मैंने और मेरे भाई अशरफ ने जेल में रहकर इस घटना को अंजाम दिया. हमारी बीवी-बच्चे ने तो हमारे कहने पर अपने साथियों के साथ मिलकर तीनों की हत्या की. असली गुनहगार हम दोनों भाई हैं. बाप का कहना तो बेटा मानेगा ही, इसी वजह से मैं सारी घटना का खुलासा कर रहा हूं, जिससे हम दोनों भाइयों को जो सजा मिलनी हो मिले, लेकिन अन्य के साथ नरमी की गुंजाइश हो.

कौन रखता था पैसे का हिसाब-किताब?

माफिया उमेश पाल की हत्या के पहले मैंने और अशरफ ने व्हाट्सएप के जरिए गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, सदाकत, अरमान, अरबाज, विजय चौधरी, साबिर, अरशद, कटरा, इकबाल, वकील खान, सोना, हनीफ और वकील विजय मिश्रा व अन्य के साथ कई बार ऑनलाइन मीटिंग की थी. उमेश पाल की हत्या में किसका क्या रोल होगा इसको बताया गया था. मेरे लड़के के जेल जाने के बाद हम लोगों के रुपये के पैसे का हिसाब-किताब हमारे करीबी नफीस बिरियानी, जफर, मोहम्मद मुस्लिम, सलीम अहमद और मेरे भाई अशरफ के चचेरा साला मास्टर और मेरा भांजा देखता था.

अतीक को कहां से मिलते थे हथियार?

पुलिस ने जब पूछा कि तुम लोग हथियार कहां से लाते हो तो अतीक ने बताया कि मेरे पास हथियार की कोई कमी नहीं है क्योंकि मेरे संबंध पाकिस्तान एजेंसी आईएसआई से है. पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब की सीमा में हथियार गिराए जाते हैं जिनको लोकल कनेक्शन इकट्ठा कर लेता है. उन्हें खेतों से जमा करने के बाद जम्मू-कश्मीर के आतंकियों को भी दिया जाता है. वहीं से हमें भी हथियार मिलते हैं. अतीक ने बताया कि 45 बोर की पिस्तौल, एक-47, स्टेन गन, 9mm की पिस्टल, 30 की चीनी पिस्टल, दो नाली बंदूक 5, 315 बोर की राइफल 6, सैकड़ों के तादाद में कैट और तमंचे के साथ हैंड ग्रेनेड, पाकिस्तानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कारतूस भी मेरे पास हैं.

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