trendingNow11612107
Hindi News >>सिनेमा
Advertisement

जब विनोद खन्ना बने संन्यासी, 25-30 फिल्मों के पैसे लौटा दिए, पत्नी-बच्चों को छोड़ आश्रम चले गए

Vinod Khanna Personal Life: विनोद खन्ना ने एक इंटरव्यू में इस बात से पर्दा उठाया था कि उन्होंने संन्यास क्यों लिया था. उन्होंने कहा था, मेरे पास सबकुछ था. अच्छी पत्नी, दो बेटे, घर, कार, पैसा सबकुछ लेकिन तब भी मैं नाखुश था.

जब विनोद खन्ना बने संन्यासी, 25-30 फिल्मों के पैसे लौटा दिए, पत्नी-बच्चों को छोड़ आश्रम चले गए
Stop
Preeti Pal|Updated: Mar 16, 2023, 09:55 AM IST

Vinod Khanna Life Facts: 70-80 के दशक में जब एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन का बोलबाला था तब एक एक्टर इतनी तेजी से उभर कर सामने आया कि उसे बिग बी के लिए खतरा माना जाने लगा था.ये विनोद खन्ना थे जिनकी लगातार हिट होती फिल्मों ने कभी अमिताभ बच्चन के स्टारडम को हिला दिया था हालांकि जब विनोद खन्ना सुपरस्टार बनने की राह पर थे तो उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से संन्यास ले लिया और आध्यात्म में रम गए और ओशो के आश्रम चले गए. अपने इस फैसले के बारे में विनोद खन्ना ने एक इंटरव्यू में बात की थी.

सबकुछ होकर भी नाखुश था: विनोद खन्ना

उन्होंने कहा था, मेरे पास सबकुछ था. अच्छी पत्नी, दो प्यारे बेटे, घर, कार, पैसा सबकुछ लेकिन तब भी मैं नाखुश था. मैं पागलों की तरह 16-18 घंटे काम करता था. संडे को काम नहीं करता था और सिर्फ अपने परिवार के साथ वक्त बिताता था. मैं काफी शराब भी पीता था और खासकर शूट के पैकअप होने के बाद रोजाना ड्रिंक करना तो आम बात थी. मुझे बेहद गुस्सा आता था. इस वजह से मैं कई स्ट्रीट फाइट में भी फंसा. उस दौरान मैंने योग का सहारा लिया और मेडिटेशन भी किया फिर एक दिन मेरी मुलाकात भगवान रजनीश से हुई. मुझे महेश भट्ट ने उनसे मिलवाया था. उनसे मिलकर लगा कि जैसे मुझे सारे सवालों के जवाब मिल गए हैं जो कि मेरे मन में उठते रहते थे. मैं जान गया था कि मैं संन्यास की ओर बढ़ रहा हूं. मैंने एक कठिन फैसला लिया. मैंने भगवा चोला और माला पहन ली. माचो मैन की इमेज से मैं संन्यासी बन गया. मेरी पत्नी इस फैसले से नाराज हो गई.

पत्नी हो गई नाराज

उन्हें इस बात को मानने में काफी वक्त लगा कि मैं उन्हें, बच्चों और ग्लैमर वर्ल्ड को छोड़ रहा हूं. मैंने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी.  25-30 फिल्मों के साइनिंग अमाउंट लौटा दिए और पुणे चला गया. मेरे दोस्त महेश भट्ट, मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा मेरे इस फैसले से बहुत नाराज हुए. उन्होंने मुझपर काफी मेहनत की थी लेकिन मैं सबकुछ छोड़कर ओशो के साथ अमेरिका चला गया. जब मैं वापस भारत लौटा तो मेरे मन में शांति थी. 

 

Read More
{}{}