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Ek Din Ek Film: आखिर कौन थी वह हसीना जो कब्रिस्तान के धुंधले अंधेरे में खो गई, आज भी ढूंढते हैं लोग उसे

Manoj Kumar Film: मनोज कुमार अपने दौर के शानदार एक्टर थे. लेकिन साधना भी कम नहीं थीं. मगर लोगों ने उन्हें सिर्फ फैशन आइकम के रूप में देखा. इन दोनों सितारों का शानदार काम आप इस हॉरर-मिस्ट्री फिल्म में देख सकते हैं. नाम है, वह कौन थी? यह हिंदी की यादगार क्राइम थ्रिलर फिल्मों में भी गिनी जाती है.  

Ek Din Ek Film: आखिर कौन थी वह हसीना जो कब्रिस्तान के धुंधले अंधेरे में खो गई, आज भी ढूंढते हैं लोग उसे
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Ravi Buley|Updated: Apr 25, 2023, 07:29 PM IST

Best Hindi Crime Thriller Films: वो कौन थी? ? को आप आसानी से हिंदी सिनेमा की शानदार क्राइम थ्रिलर फिल्मों में शामिल कर सकते हैं. राज खोसला संभलतः हिंदी सिनेमा के ऐसे निर्देशकों में थे, जिनकी फिल्मों का ठीक ढंग से विश्लेषण नहीं किया गया. वह गायक बनने के लिए मुंबई आए थे और पहली मिलाप (1955) बनाने से पहले गुरु दत्त के सहायक रहे. गुरु दत्ते के सहायक के रूप में वह बाजी (1951) से आर पार (1954) से जुड़े रहे. लेकिन बाद में उन्होंने अपनी पहचान बनाई और अलग-अलग विषयों पर सिनेमा बनाया. ऐसा कम ही निर्देशक कर पाते हैं. थ्रिलर (सीआईडी, 1956), लव स्टोरी (दो बदन, 1966), पारिवारिक-सामाजिक ड्रामा (दो रास्ते, 1969) से लेकर डकैत ड्रामा (मेरा गांव मेरा देश, 1971) उनकी फिल्मोग्राफी में बड़ी विविधता है.

गुरु दत्त से मांग ली स्क्रिप्ट
1960 के दशक की फैशन आइकन साधना के साथ राज खोसला की रहस्यमयी फिल्मों में वो कौन थी? ? पहली थी. इसके बाद उन्होंने मेरा साया (1966) और अनीता (1967) भी बनाई.  मेरा साया विल्की कोलिन्स की द वूमन इन व्हाइट से प्रेरित थी. पहले गुरु दत्त ने इसे बनाने की कोशिश की परंतु अपनी फिल्म के रशेज उन्हें पसंद नहीं आए. अतः उन्होंने फिल्म बंद कर दी. इस फिल्म में वह वहीदा रहमान और कुम कुम के साथ स्वयं एक्टिंग कर रहे थे. खैर, कुछ साल बाद राज खोसला ने उनसे यह स्क्रिप्ट मांग ली और इस पर कुछ काम करने के बाद वो कौन थी?  नाम से फिल्म बना कर धूम मचा दी. उन्होंने फिल्म में कोहरे से भरी रातों से लेकर अंधेरी तूफानी रात में पुराने घरों के चरमराते दरवाजों से एक रहस्यमयी और डरावना माहौल बनाया. दर्शकों को वह बांधने में सफल रहे.

जो हमने दास्तां अपनी सुनाई
इस फिल्म में साधना का जबर्दस्त परफॉरमेंस दिखता है. वह मुस्कराते हुए हीरो को उलझन में डालती हैं और अपनी सादगी भरी चुप्पी से दर्शकों को हैरान करती हैं. साधना की सबसे बड़ी त्रासदी यह थी कि उन्हें हमेशा एक फैशन आइकन के रूप में ही देखा गया और फिल्म निर्माताओं ने भी केवल ग्लैमरस भूमिकाओं में उन्हें लिया. जबकि वास्तव में वह काफी कुशल अभिनेत्री थीं. वह कौन थी? में उनका डबल रोल इसका सबसे बड़ा सबूत है. वह कौन थी का म्यूजिक भी जबर्दस्त था. इसके गाने नैना बरसें रिम झिम रिम झिम, लग जा गले, जो हमने दास्तां अपनी सुनाई जैसे गाने आज भी सुने जाते हैं.

अंधेरी तूफानी रात का हॉरर
इस फिल्म की कहानी भी रोचक थी. एक अंधेरी तूफानी रात में डॉ.आनंद (मनोज कुमार) एक रहस्यमय महिला (साधना) से मिलता है, जो उसे एक कब्रिस्तान में ले जाकर और गायब हो जाती है. जल्द ही डॉ.आनंद का जीवन उल्टापुल्टा हो जाता है. उसकी मंगेतर सीमा (हेलेन) की हत्या हो जाती है और डॉ.आनंद अरेंज मैरिज के लिए राजी हो जाता है. यहां डॉ.आनंद की दुल्हन होती है, संध्या (साधना का दूसरा रूप). डॉक्टर हैरान है कि यह तो वही कब्रस्तान वाली लड़की है. भूत! वह अपना दिमाग संतुलन खोने के करीब पहुंच जाता है और अंत में राज से पर्दा उठता है. यह फिल्म आप यूट्यब और ओटीटी अमेजन प्राइम वीडियो पर देख सकते हैं.

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