Jaya Bachchan Film Guddi: फिल्मी दुनिया, उसकी चमक-दमक और फिल्म स्टार्स आम आदमी के लिए सपने की तरह हो सकते हैं. लेकिन एक स्टार भी आम आदमी की तरह खाता, सोता और सपने देखता है. वह भी आम व्यक्ति की तरह ही जीवन जीता है. इस बात को उजागर किया था 1971 में आई फिल्म गुड्डी ने. इस फिल्म को गुलजार ने लिखा था तथा ऋषिकेश मुखर्जी ने डायरेक्ट किया था. धर्मेंद्र, जया बच्चन, उत्पल दत्त तथा समीत भांजा की फिल्म में मुख्य भूमिकाएं थी. जया बच्चन की यह पहली हिंदी फिल्म थी. इससे पहले वह सत्यजीत रे की बांग्ला फिल्म महानगर में नजर आई थी. लेकिन गुड्डी ने जया बच्चन को एक चंचल तथा संवेदनशील अदाकारा के रूप में बॉलीवुड में स्थापित कर दिया.
गुड्डी की कहानी
गुड्डी अपने दौर की हिट फिल्मों में से एक थी और आज भी लोग इसे देखते तथा पसंद करते हैं. फिल्म कुसुम उर्फ गुड्डी नाम की ऐसी लड़की की कहानी थी जो स्कूल में पढ़ती है. वह स्वभाव से काफी चंचल है. वह अपने पिता, भाई और भाभी के साथ रहती है. गुड्डी का फिल्म स्टार धर्मेंद्र पर क्रश है, जिसे वह एक सुपरमैन मानती है. उसे भरोसा है कि धर्मेंद्र कोई गलत काम नहीं कर सकता. धर्मेंद्र के प्रति अपनी इसी दीवानगी के चलते वह अपनी भाभी के साथ बंबई जाती है, जहां उसकी भाभी का भाई नवीन (समीत भांजा) अपने मामा (उत्पल दत्त) के साथ रहता है. नवीन, गुड्डी को चाहता है लेकिन गुड्डी, फिल्मी पर्दे के हीरो धर्मेंद्र को चाहती है.
कहानी में ट्विस्ट
कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब नवीन फिल्मों की असली दुनिया से गुड्डी की पहचान कराता है. वह उसे फिल्मों के सैट पर, जहां शूटिंग चल रही होती है, वहां ले जाता है. आखिर में गुड्डी को समझ आ जाता है कि फिल्म में जो कुछ भी दिखाया जाता है, वह जीवन की वास्तविकता नहीं है. जया बच्चन से पहले इस फिल्म के लिए मौसमी चटर्जी को फाइनल किया गया था लेकिन मौसमी मिनी स्कर्ट नहीं पहनना चाहती थी. उन्होंने डायरेक्टर से कहा कि गुड्डी के लिए कोई और ड्रेस फाइनल कर लें, परंतु डायरेक्टर ने कहा कि हीरोइन स्कूल में पढ़ती है और वह स्कर्ट पहनती है. आखिरकार स्कर्ट न पहनने की बात कहते हुए मौसमी ने यह फिल्म करने से इंकार कर दिया.
होना था अमिताभ को
पहले अमिताभ बच्चन को नवीन के रोल के लिए सोचा जा रहा था लेकिन ऋषिकेश मुखर्जी इस फिल्म के लिए बिल्कुल नया चेहरा लेना चाहते थे. इसलिए अमिताभ की जगह समीत भांजा को फाइनल किया गया. जया बच्चन को फाइनल करने के लिए गुलजार तथा ऋषिकेश मुखर्जी मुम्बई से 200 किलोमीटर दूर एफटीआई पुणे गए, जहां जया बच्चन पढ़ रही थीं. जब धर्मेंद्र ने पहली बार जया बच्चन को फिल्म के सेट पर देखा तो उनका पहला सवाल जया से यह था कि क्या तुम इस फिल्म की हीरोइन हो? तुम्हारी उम्र क्या है? जया बच्चन काफी छोटी लग रही थीं. इस फिल्म के समय उनकी उम्र 21 साल थी लेकिन फिल्म में उन्हें 16 साल की स्कूल जाने वाली लड़की के रूप में दिखाया गया था.