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Modi New Minister: पार्टी ने कहा तो बिना हिचक छोड़ दिया था सीएम का पद, अब मोदी ने कैबिनेट मंत्री बनाकर दिया बड़ा इनाम

Profile of Modi Cabinet Minister: पिछले 10 साल से लोकप्रिय मुख्यमंत्री को अचानक बीजेपी हाईकमान से फोन आया और उन्होंने बिना हील-हुज्जत के पद छोड़ दिया. अब पीएम मोदी ने उन नेता को अपनी कैबिनेट में शामिल कर वफादारी का इनाम दिया है. 

Modi New Minister: पार्टी ने कहा तो बिना हिचक छोड़ दिया था सीएम का पद, अब मोदी ने कैबिनेट मंत्री बनाकर दिया बड़ा इनाम
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Devinder Kumar|Updated: Jun 10, 2024, 12:21 AM IST

Manohar Lal Khattar Profile: लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन की तीसरी जीत के साथ ही मोदी सरकार ने लगातार तीसरी बार शपथ ले ली है. इस सरकार में विभिन्न राज्यों के सीएम रहे आधा दर्जन से ज्यादा नेता भी शामिल हैं. उन्हीं में से एक नाम है, मनोहर लाल खट्टर. पीएम मोदी के करीबी माने जाने वाले खट्टर अविवाहित हैं और उन्होंने अपने जीवन के 40 साल प्रचारक के रूप में आरएसएस के लिए समर्पित कर दिए. करीब 10 साल तक हरियाणा का सीएम रहने के बाद अब उन्होंने केंद्रीय मंत्री के रूप में नई पारी शुरू की है. 

पाकिस्तान से आकर रोहतक में बसा परिवार

जानकारों के मुताबिक मनोहलाल खट्टर का परिवार पाकिस्तान में रहता था. विभाजन के दौरान मारकाट मचने पर उनका परिवार पाकिस्तान से हरियाणा आ गया और रोहतक जिले के एक गांव निंदाना में बस गया. वहीं पर 1954 में उनका जन्म हुआ था. खट्टर 1977 में आरएसएस से जुड़े और 1994 में भारतीय जनता पार्टी का सदस्य बनने से पहले 17 साल तक संघ के साथ जुड़े रहे. 

40 साल तक रहे आरएसएस प्रचारक

कुछ लोगों के अनुसार, खट्टर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का करीबी माना जाता है, जिनके साथ उन्होंने 1990 के दशक में पार्टी संगठन में काम किया था. अविवाहित खट्टर ने लगभग 40 वर्षों तक आरएसएस प्रचारक के रूप में काम किया. वर्ष 1996 में, खट्टर ने मोदी के साथ काम करना शुरू किया. मोदी उस समय हरियाणा के भाजपा प्रभारी थे. 

वर्ष 2014 में बने हरियाणा के सीएम

वर्ष 2014 में वे पहली बार विधायक बने. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया. असल में उस समय बीजेपी पहली बार अपने दम पर हरियाणा की सत्ता में आई थी. ऐसे में बीजेपी ने साहसिक पहल करते हुए राज्य में गैर- जाट नेता को सीएम बनाने का फैसला किया और लगभग दो दशकों के दौरान खट्टर राज्य के पहले गैर-जाट मुख्यमंत्री बने. इसके साथ ही राज्य की राजनीति में जाटों का लंबे समय से चला आ रहा वर्चस्व टूट गया. 

दूसरी बार में जजपा के साथ बनाई सरकार

अपने मुख्यमंत्रित्व काल में खट्टर ने पंचायत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए पूर्व-योग्यता शर्तें पेश करने और पारदर्शी भर्ती सुनिश्चित करने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने 'परिवार पहचान पत्र' योजना भी शुरू की, जिसके तहत हरियाणा सरकार हर परिवार को एक विशिष्ट पारिवारिक पहचान जारी करती है. दूसरी बार स्पष्ट बहुमत न मिलने पर बीजेपी ने जजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई. खट्टर को सहयोगी जननायक जनता पार्टी के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने का भी काफी श्रेय दिया जाता है. 

वफादारी का मिला इनाम, केंद्र में बने मंत्री

करीब 10 साल तक हरियाणा का सीएम रहने के बाद लोकसभा चुनाव से ऐन पहले उनके करीबी नायब सिंह को राज्य का नया मुख्यमंत्री बना दिया गया. खट्टर ने बिना किसी बयानबाजी के पार्टी हाईकमान के फैसले को मंजूर कर पद छोड़ दिया. हालांकि, खट्टर के स्थान पर सैनी को मुख्यमंत्री बनाये जाने के बाद जजपा का भाजपा के साथ गठबंधन खत्म हो गया. पार्टी ने खट्टर को वफादारी का इनाम देते हुए रविवार को कैबिनेट मंत्री पद से नवाज दिया. अब वे केंद्रीय मंत्री के रूप में नई पारी शुरू करने जा रहे हैं. 

(एजेंसी भाषा)

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