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जम्मू-कश्मीर: महबूबा मुफ्ती ने प्रशासन पर लगाया आरोप, लोकसभा चुनाव को 'फिक्स' बता दिया

Mehbooba Mufti: पीडीपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि वे लोगों को परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वे मतदान करने के लिए बाहर न आएं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव में धोखाधड़ी करने की तैयारी की जा रही है.

जम्मू-कश्मीर: महबूबा मुफ्ती ने प्रशासन पर लगाया आरोप, लोकसभा चुनाव को 'फिक्स' बता दिया
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Syed Khalid Hussain|Updated: May 11, 2024, 10:19 PM IST

Loksabha Chunav 2024: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पीओके वाले बयान पर कटाक्ष करते हुए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पहले उन्हें यहां के लोगों से बात करनी चाहिए. हमारे देश में 22 करोड़ मुसलमान हैं. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह उनकी पार्टी और उसके समर्थकों को "चुनिंदा तरीके से निशाना बनाकर और परेशान करके" लोकसभा चुनाव को "फिक्स" करने की कोशिश कर रहा है. 

असल में पीडीपी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुफ्ती ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने पुलवामा में धारा 144 के तहत शनिवार शाम 6:30 बजे से 48 घंटे के लिए प्रतिबंध लगा दिए हैं. यह श्रीनगर लोकसभा सीट का हिस्सा है, जहां सोमवार को मतदान होना है. उन्होंने कहा, "आज शाम 6:30 बजे से पुलवामा जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है, जो अभूतपूर्व है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है कि जहां चुनाव होने हैं, वहां प्रतिबंध लगाए गए हों और वह भी चुनाव समाप्त होने तक." 

"परेशान" करने की कोशिश कर रहे
पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि वे लोगों को "परेशान" करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वे मतदान करने के लिए बाहर न आएं. उन्होंने कहा, "चुनाव में धोखाधड़ी करने की तैयारी की जा रही है. चुनाव फिक्स किए जा रहे हैं." जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता, जो इसकी बैठकें आयोजित कर रहे हैं, उन्हें मतदान से पहले हिरासत में लिया गया है.

चुनाव को नाटक बता दिया..
मुफ्ती ने कहा, "यह केवल पुलवामा तक ही सीमित नहीं है. कुछ दिन पहले, सुरनकोट (जम्मू के पुंछ जिले में) में हमला हुआ था. उसके बाद, हमारे 50-60 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है और एक अजीब माहौल बनाया जा रहा है." उन्होंने कहा, "अगर भारत के चुनाव आयोग को 1987 के चुनाव दोहराने हैं, तो फिर चुनावों का यह नाटक क्यों? अगर उन्हें इखवान (सरकारी बंदूकधारी) या इखवानों की पार्टी बनानी है, उनके प्रतिनिधि जिन्हें वे समर्थन दे रहे हैं, तो उन्हें यह कहना चाहिए." मुफ्ती ने कहा कि प्रशासन अभी खुलकर उनके समर्थकों के समर्थन में सामने नहीं आया है, क्योंकि वे श्रीनगर और बारामुल्ला की दो सीटों पर चुनाव संपन्न होने का इंतजार हो रहा हैं.

"इसके बाद, वे राजौरी-पुंछ (अनंतनाग-राजौरी सीट का हिस्सा) में अपना समर्थन घोषित करेंगे. वहां चुनाव में देरी केवल उनकी पार्टी, सट-बट वाले इखवानों की पार्टी के कारण हुई. उन्होंने राजनीतिक इखवान बनाए हैं, जिनका वे पूरा समर्थन करते हैं, पूरी सरकारी मशीनरी उनका समर्थन करती है," मुफ्ती ने कहा. "सरकारी अधिकारी दबाव में हैं. पीडीपी कार्यकर्ताओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है, उन्हें परेशान किया जा रहा है," उन्होंने कहा. पीडीपी प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से "चुनावों का नाटक" बंद करने को कहा.

कार्यकर्ताओं की जान जोखिम में..
"अगर आप चुनाव में धोखाधड़ी करना चाहते हैं, तो हमें बताएं, हम चले जाएंगे. फिर हम अपने कार्यकर्ताओं की जान जोखिम में क्यों डालेंगे?" मुफ्ती ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा ने कई युवाओं को जेल में डाल दिया है. उन्होंने कश्मीर के लोगों से पीडीपी के पक्ष में वोट देने की अपील करते हुए कहा, "यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप नई दिल्ली को यह संदेश दें कि जब आप हमारे युवाओं को जेलों में डालेंगे, तो हम उन्हें अपने वकील के रूप में संसद में भेजेंगे." मुफ्ती ने आगे कहा कि वे पीडीपी को निशाना बना रहे हैं क्योंकि वे उनकी पार्टी की लोकप्रियता से "घबराए हुए" हैं. 

पीओके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी के बारे में पूछे गए सवाल पर मुफ्ती ने कहा कि सरकार को पहले कश्मीर के इस हिस्से की समस्याओं का समाधान करना चाहिए. मुफ्ती ने कहा, "पहले उन्हें यहां के लोगों से बात करनी चाहिए. हमारे देश में 22 करोड़ मुसलमान हैं और भाजपा उन्हें घुसपैठी और दीमक कहती है." उन्होंने कहा, "तो, वे पीओके से मुसलमानों को लाकर क्या करेंगे, जब वे यहां के मुसलमानों को अपना दुश्मन मानते हैं."

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