BJP Vote Bank In Uttar Pradesh: पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी को लोकसभा चुनाव 2024 में 370+ सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है. इसे पूरा करने के लिए पार्टी अनुसूचित जातियों (SC) के वोटर्स में पैठ बढ़ा रही है. बहुजन समाज पार्टी (BSP) की घटती ताकत ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी की राह आसान बना दी है. दलितों का दमदार समर्थन पाती रही बसपा के सितारे इन दिनों गर्दिश में हैं. इसके बावजूद, पार्टी की नेता मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. बीजेपी का यूपी की 80 में से 70 से ज्यादा सीटें जीतने का टारगेट है. 2019 लोकसभा चुनाव में UP की 62 सीटें जीतने वाली बीजेपी 70 पार जाने के लिए बसपा के वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती है. यूपी की आबादी में लगभग 20% हिस्सेदारी वाले दलित वोट बैंक पर बसपा की मजबूत पकड़ रही है. बीजेपी उसके इसी कोर वोट बैंक को अपने पाले में करना चाहती है. भगवा पार्टी को लगता है कि बसपा के ज्यादातर वोटर्स विकल्प तलाश रहे हैं और वह उनकी पसंद बन सकती है.
बसपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 19.43 प्रतिशत वोट हासिल किए थे. 10 सांसदों के साथ बसपा यूपी की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी. हालांकि, 2022 के विधानसभा चुनावों में बीएसपी का वोट शेयर घटकर 13% तक आ गया.
मायावती बार-बार कह चुकी हैं कि बसपा अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी. 2019 लोकसभा चुनाव में यूपी के भीतर 10 सीटें जीतने वाली बसपा 2024 के चुनावी सीन से गायब है. पिछली बार वह बीजेपी के बाद सूबे में दूसरे नंबर की पार्टी थी. बसपा के सांसदों में से एक, गाजीपुर के अफजाल अंसारी ने तो समाजवादी पार्टी का टिकट ले लिया है. अमरोहा सांसद दानिश अली को बसपा ने राहुल गांधी की यात्रा में शरीक होने पर सस्पेंड कर दिया था.
बसपा के बाकी 8 MP उधेड़बुन में हैं कि पार्टी उन्हें फिर टिकट देगी या नहीं. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, MPs की मायावती से बातचीत नहीं हो पा रही. चुनाव की तैयारियों को लेकर भी सांसदों के साथ कोई चर्चा नहीं हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, बसपा के कई सांसद अब दूसरे दलों के संपर्क में हैं.
बीजेपी की चाहत SC मतदाताओं की पसंदीदा पार्टी बनने की है. पार्टी के SC मोर्चा अध्यक्ष लाल सिंह आर्य ने द इकॉनमिक टाइम्स से बातचीत में दावा किया कि मोदी सरकार की योजनाओं का सबसे ज्यादा फायदा SC समुदाय को हुआ है. उन्होंने कहा, 'सरकारी नीतियां SC समुदाय के कल्याण को ध्यान में रखते हुए बनाई जाती हैं. अगर आप हालिया विधानसभा चुनाव देखेंगे तो SCs ने भारी संख्या में बीजेपी को वोट दिया है. अब SC वोटर्स को यह भरोसा दिलाना हमारा काम है कि बीजेपी उनकी स्वाभाविक और पसंदीदा पसंद होनी चाहिए.'
BJP का SC मोर्चा संत रविदास जयंती (23 फरवरी) के मौके पर 'बस्ती संपर्क अभियान' शुरू करेगा. बीजेपी के नेता आसपास के SC बहुल इलाकों में जाएंगे और मोदी सरकार की योजनाओं का प्रचार करेंगे. पीएम मोदी भी संत रविदास जयंती पर कार्यक्रम में शामिल होने वाराणसी जाएंगे. बीजेपी का SC मोर्चा अगले महीने आगरा में एक बड़ी बैठक करेगा. इसमें पार्टी के SC नेताओं के अलावा केंद्रीय मंत्री और दूसरे राज्यों के नेता भी हिस्सा लेंगे.