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हरियाणा चुनाव की सबसे हॉट सीट, भिड़ेंगे दो सियासी परिवार; किसका पलड़ा कितना भारी?

Who Will Win Haryana Election 2024: हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत सिंह चौटाला इस निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक हैं. चौटाला यहां से फिर से चुनाव जीतना चाहते हैं. वह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते हैं. 

हरियाणा चुनाव की सबसे हॉट सीट, भिड़ेंगे दो सियासी परिवार; किसका पलड़ा कितना भारी?
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Rachit Kumar|Updated: Sep 19, 2024, 09:47 PM IST

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में पांच अक्टूबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के दौरान उचाना कलां चुनावी क्षेत्र में बड़ा सियासी मुकाबला देखने को मिलेगा जहां एक-दूसरे के खिलाफ दो प्रमुख सियासी परिवार आमने-सामने हैं. एक तरफ पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल के पड़पोते दुष्यंत सिंह चौटाला हैं तो दूसरी तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह हैं.

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत सिंह चौटाला इस निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक हैं. चौटाला यहां से फिर से चुनाव जीतना चाहते हैं. वह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते हैं. दुष्यंत चौटाला के खिलाफ नौकरशाह से नेता बने और कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह हैं. वह और उनके पिता बीरेंद्र सिंह इस साल की शुरुआत में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

जिंद जिले में आता है उचाना कलां 

उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र राज्य के राजनीतिक गढ़ माने जाने वाले जींद जिले में आता है. किसान नेता सर छोटू राम के पोते बीरेंद्र सिंह 2014 में हरियाणा चुनाव से पहले कांग्रेस के साथ अपने चार दशक पुराने रिश्ते को तोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. उचाना कलां विधानसभा सीट पर दुष्‍यंत चौटाला की जीत से पहले यह सीट बीरेंद्र सिंह परिवार का गढ़ मानी जाती थी. पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वयं इस निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे हैं. 

उनके बेटे बृजेंद्र सिंह पार्टी छोड़ने से पहले हिसार से बीजेपी सांसद थे. 2019 में दुष्यंत चौटाला हिसार संसदीय सीट से उनसे चुनाव हार गए थे. हालांकि, बृजेंद्र सिंह उचाना कलां से दुष्यंत चौटाला को अपने मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं देखते हैं. उन्होंने कहा, 'मुख्य मुकाबला बीजेपी से है.' राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा ने उचाना कलां सीट से देवेंद्र चतरभुज अत्री को अपना उम्मीदवार बनाया है. 

2019 में दुष्यंत चौटाला को मिली थी जीत

दुष्यंत चौटाला ने इस सीट पर वर्ष 2019 में विजय हासिल की थी और बृजेंद्र सिंह की माता प्रेम लता सिंह को 47 हजार से अधिक वोट से हराया था. प्रेम लता ने चौटाला को साल 2014 में हराया था. 

अपने प्रचार अभियान के दौरान, बृजेंद्र सिंह ने विश्वास जताया कि कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनाव बड़े जनादेश के साथ जीतेगी और इस निर्वाचन क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए कड़ी मेहनत करने का वादा करते हुए कहा, 'कांग्रेस के पक्ष में एक मजबूत लहर है.' बृजेंद्र सिंह (52) के पास लंदन के किंग्स कॉलेज से ‘पब्लिक पॉलिसी एंड मैनेजमेंट’ में पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री है. पांच साल से ज्यादा समय पहले राजनीति में आने से पूर्व उन्होंने 20 वर्षों से ज्यादा समय तक काम करने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा से वॉलंटरी रिटायरमेंट ले ली थी. 

'उचाना को पता है, अपना कौन है?'

जजपा के 36 वर्षीय दुष्यंत चौटाला ने अपनी रैलियों के दौरान अपने राजनीतिक विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'उचाना समझता है कि उसका अपना कौन है.' दुष्यंत ने कहा कि हरियाणा में त्रिकोणीय मुकाबले की काफी संभावना है. 

उन्होंने अपने पार्टी चिह्न का जिक्र करते हुए कहा कि यह जजपा की ‘चाबी’ है जो हरियाणा विधानसभा का ताला खोलेगी. उन्होंने अपनी पार्टी की पूर्व सहयोगी भाजपा पर हमला बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ा और कहा कि हरियाणा के लोग पार्टी को बाहर का रास्ता दिखाना चाहते हैं. 

‘कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी’ से ‘बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन’ में ग्रेजुएशन की डिग्री रखने वाले दुष्यंत ने यह भी दावा किया कि भाजपा और ‘इंडियन नेशनल लोकदल’ के बीच ‘गठबंधन’ चुनावों में दिखाई दे रहा है क्योंकि वे एक-दूसरे को फायदा पहुंचाने के लिए उम्मीदवारों का चयन कर रहे हैं.

जजपा ने किए ये वादे

 जजपा नेता ने सरकारी संस्थानों और शिक्षक की भर्ती में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण और आंगनवाड़ी एवं मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए 21,000 रुपये मासिक मानदेय देने का वादा किया.

 पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला के नेतृत्व वाली जजपा और चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाली आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) संयुक्त रूप से हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं. भाजपा उम्मीदवार देवेंद्र अत्री ने कहा कि उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र में दोतरफा मुकाबला होगा और यहां से ‘कमल’ खिलेगा. 

अत्री ने कहा, 'हम ये चुनाव मजबूती से लड़ रहे हैं.' पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे 44 वर्षीय भाजपा उम्मीदवार ने कहा कि वह पिछले 13 वर्षों से क्षेत्र के लोगों की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस विधानसभा क्षेत्र में नहर का पानी एक बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा, 'उचाना में कोई सरकारी महाविद्यालय नहीं है. यहां कोई खेल स्टेडियम नहीं है.' हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव पांच अक्टूबर को होगा जबकि मतगणना आठ अक्टूबर को होगी. 

(पीटीआई इनपुट के साथ)

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