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हरियाणा-कश्मीर के बाद इन 2 राज्यों में बजने वाला है चुनावी बिगुल, EC ने शुरू कर दी तैयारी

Assembly Elections 2024: जम्मू-कश्मीर चुनाव के लिए तीन चरणों में मतदान 18 सितंबर को शुरू हुआ था, जबकि अगले दो चरण 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होने हैं. हरियाणा में मतदान 5 अक्टूबर को होगा. दोनों राज्यों में 8 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी.

हरियाणा-कश्मीर के बाद इन 2 राज्यों में बजने वाला है चुनावी बिगुल, EC ने शुरू कर दी तैयारी
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Sumit Rai|Updated: Sep 23, 2024, 06:35 AM IST

Jharkhand and Maharashtra Vidhan Sabha Chunav: जम्मू-कश्मीर में एक फेज की वोटिंग हो चुकी है और दूसरे फेज की तैयारी चल रही है, जबकि हरियाणा में एक फेज में 5 अक्टूबर को सभी सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इस बीच महाराष्ट्र और झारखंड में जल्द ही चुनावी बिगुल बजने वाला है, जिसके लिए चुनाव आयोग (ECI) ने तैयारियां शुरू कर दी है. चुनाव आयोग की टीम इसी सप्ताह झारखंड और महाराष्ट्र का दौरा कर दोनों राज्यों में विधानसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा करने वाली है.

इसी सप्ताह झारखंड-महाराष्ट्र जाएगी चुनाव आयोग की टीम

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू की सदस्यता वाली समिति 23-24 सितंबर को झारखंड का दौरा करेगी. इसके बाद चुनाव आयोग की टीम 27 और 28 सितंबर को दो दिवसीय दौरे पर महाराष्ट्र जाएगी. झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है, जबकि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर तक है. इस हिसाब से चुनाव उस तारीख से पहले पूरे होने चाहिए.

क्या एक साथ होंगे झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव

हालांकि, चुनाव आयोग (ECI) ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव एक साथ होने की संभावना है. पिछले चुनाव में चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का फैसला किया था, लेकिन इस बार हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनावों की घोषणा करते हुए चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र चुनाव एक साथ नहीं कराने का फैसला किया. बता दें कि जम्मू-कश्मीर चुनाव के लिए तीन चरणों में मतदान 18 सितंबर को शुरू हुआ था, जबकि अगले दो चरण 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होने हैं. हरियाणा में मतदान 5 अक्टूबर को होगा. दोनों राज्यों में 8 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी.

हरियाणा के साथ क्यों नहीं कराए गए महाराष्ट्र के चुनाव

यह पूछे जाने पर कि महाराष्ट्र के चुनावों को हरियाणा विधानसभा के चुनावों से अलग क्यों रखा गया, जिसका कार्यकाल 3 नवंबर को खतम हो रहा है? मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर चुनाव भी एक कारण है. चुनाव आयोग (ECI) 10 वर्षों में पहली बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव करा रहा है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार चुनाव 30 सितंबर से पहले कराए जाने थे. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की जरूरत के हिसाब से हमने दो चुनाव एक साथ कराने का फैसला किया है. जम्मू-कश्मीर में चुनाव की घोषणा करने और चुनाव जारी रहने के दौरान हम दूसरे चुनाव की घोषणा नहीं कर सकते. इसके अलावा भी कई कारण हैं. महाराष्ट्र के कई जिलों में भारी बारिश हुई है. बूथ स्तर के अधिकारियों ने अभी तक अपना काम पूरा नहीं किया है और कई त्योहार जैसे गणेश उत्सव, पितृ पक्ष, नवरात्रि और दिवाली हैं, जिन्हें शेड्यूल बनाते समय हमें ध्यान में रखना होगा.'

ECI टीम के दौरे के 15 दिन में हो सकता चुनाव का ऐलान

आमतौर पर देखा गया है कि चुनाव आयोग (ECI) के दौरे के बाद 15 या 20 दिन बाद चुनाव की घोषणा हो जाती है. इसके साथ ही विधानसभा का सत्र खत्म होने से पहले चुनावी प्रक्रिया भी पूरी करनी होती है. इस हिसाब से अक्टूबर के शुरुआती 2 हफ्ते में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है और समय पर नई विधानसभा के गठन के लिए नवंबर के चौथे सप्ताह तक चुनाव रिजल्ट आना जरूरी है. ऐसे में अगले महीने चुनाव का ऐलान संभव है. वहीं, झारखंड विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 5 जनवरी तक है.

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