IAS Ritu Maheshwari: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी को एक महीने की जेल की सजा सुनाई गई है. शहर की पुलिस ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है. माहेश्वरी को प्लॉट आवंटी व जीएनआईडीए से जुड़े 18 साल पुराने मामले में जेल की सजा सुनाई गई है. महेश मित्रा ने 2001 में प्लॉट के लिए आवेदन किया था. नहीं देने पर 2005 में जिला उपभोक्ता फोरम में केस किया.
मंच ने GNIDA से 1,000 से 2,500 वर्ग मीटर के बीच एक भूखंड आवंटित करने के लिए कहा. बाद में जीएनआईडीए ने राज्य उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया. राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने फिर से महेश मित्रा के पक्ष में फैसला सुनाया. चूंकि आदेश का पालन नहीं किया गया है, इसलिए निकाय का नेतृत्व करने वाली रितु माहेश्वरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया. जानिए कौन हैं रितु माहेश्वरी?
रितु माहेश्वरी एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं. वह 2003 में IAS अधिकारी बनीं. वह नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (NMRC) की प्रबंध निदेशक हैं. वह 2019 में नोएडा अथॉरिटी की सीईओ बनीं. वह उत्तर प्रदेश के अमरोहा, गाजीपुर, शाहजहांपुर और गाजियाबाद में प्रमुख प्रशासनिक पदों पर रह चुकी हैं. वह 2022 में ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की सीईओ बनीं.
रितु माहेश्वरी ने गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में काम किया. वह आगरा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष भी थीं. वह अमरोहा, गाजीपुर, पीलीभीत और शाहजहांपुर की डीएम रह चुकी हैं. वह यूपी कैडर की आईएएस अफसर हैं. रितु माहेश्वरी ने कानपुर इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में भी काम किया. भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल होने से पहले, उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.
रितु माहेश्वरी के पति भी IAS अफसर हैं. इनका नाम मयूर माहेश्वरी है. वह यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी भी हैं. आईएएस में शामिल होने से पहले उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी की थी.
नई नौकरी की तलाश में हैं तो तुरंत क्लिक करें
पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की जरूरत नहीं