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IAS Story: कौन हैं आईएएस अनुराधा पाल? जनता को हुई दिक्कत तो रोक दी अधिकारी की सैलरी

IAS Anuradha Pal Success story: नौकरी के साथ उन्होंने IAS परीक्षा पास करने का लक्ष्य रखा. इसलिए उन्होंने अपनी टेक महिंद्रा की नौकरी छोड़ दी और तीन साल के लिए लेक्चरर के रूप में कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी रुड़की जॉइन किया. 

IAS Story: कौन हैं आईएएस अनुराधा पाल? जनता को हुई दिक्कत तो रोक दी अधिकारी की सैलरी
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chetan sharma|Updated: Dec 10, 2022, 12:48 PM IST

Who is IAS Anuradha Pal: ऐसा कुछ भी नहीं है जो एक व्यक्ति दृढ़ संकल्प और सफलता के साथ हासिल नहीं कर सकता है. आपको केवल उस लक्ष्य पर फोकस करने की जरूरत है जिसे आप पाना चाहते हैं. अनुराधा पाल ने अपने पूरे जीवन और करियर में काफी उतार-चढ़ाव का सामना किया, लेकिन उन्हें अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा करने से कोई नहीं रोक सका. 

अनुराधा पाल ने कुछ असाधारण हासिल किया है, जिसका और लोग केवल सपना ही देख सकते हैं. उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 62 हासिल की. अनुराधा की जर्नी, उनकी तैयारी की स्ट्रेटजी, काम करने के स्टाइल और उनके सामने आने वाली बाधाओं के बारे में आज हम आपको बता रहे हैं.

अनुराधा पाल की आईएएस की जर्नी कुछ ऐसी है जिससे प्रत्येक उम्मीदवार को सबक लेना चाहिए. अनुराधा पाल ने जवाहर नवोदय विद्यालय हरिद्वार में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी, और फिर उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्यूनिकेशन में इंजीनियरिंग की डिग्री ली. 2008 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका सेलेक्शन टेक महिंद्रा में हो गया.

नौकरी के साथ उन्होंने IAS परीक्षा पास करने का लक्ष्य रखा. इसलिए उन्होंने अपनी टेक महिंद्रा की नौकरी छोड़ दी और तीन साल के लिए लेक्चरर के रूप में कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी रुड़की जॉइन किया. उन्होंने साथ-साथ आईएएस परीक्षा की तैयारी की और 2012 में उन्होंने भारतीय राजस्व सेवा में चयनित होने के लिए ऑल इंडिया रैंक 451 के साथ यूपीएससी क्लियर किया. वह अभी भी संतुष्ट नहीं थीं क्योंकि उन्हें आईएएस बनना था. इसके लिए उन्होंने 2015 में फिर से यूपीएससी परीक्षा पास की और इस बार उनकी ऑल इंडिया रैंक 62 आई और IAS बन गईं. 

इस समय वह बागेश्वर की डीएम हैं. हाल ही में उन्होंने एक जनता दरबार लगाया उसमें जनता की शिकायतें सुनी गईं. इस दौरान 29 शिकायत मिलीं. साथ ही उन्होंने सभी समस्याओं को एक हफ्ते में निपटाने का निर्देश दिया साथ ही यह भी कहा कि जो शिकायतें इस बार आई हैं वह अगली बार न आएं. एक शिकायत में किसानों को मुआवजा नहीं मिलने की आई इस पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए पीएमजीएसवाई बागेश्वर के अधिशासी अभियंता की सैलरी रोकने का आदेश दिया. 

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