IAS Rajkamal Yadav Success Story: आज एक ऐसे आईएएस ऑफिसर की कहानी आपको बताने जा रहे हैं, जिन्होंने न केवल अपना भविष्य संवारा, बल्कि अपनी पोस्टिंग के दौरान बेहतरीन कार्यों के जरिए लोगों को बेहतर जीवन दिया. राजकमल यादव ने 2012 की यूपीएससी सीएसई में 21वीं रैंक के साथ सफलता पाई थी. कॉलेज से आने के बाद वह घंटों तक पढ़ते थे. राजकमल की सफलता रंग लाई और उन्होंने पहले प्रयास में 12-15 महीनों की तैयारी में ही आईएएस की परीक्षा पास कर ली थी.
शिक्षा-दीक्षा
राजकमल यादव का जन्म यूपी के फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद में हुआ था. उन्होंने अपनी 6वीं तक की पढ़ाई गांव से ही पूरी की थी. आगे की पढ़ाई के लिए वह लखनऊ सैनिक स्कूल चले गए. उन्होंने मद्रास पशुचिकित्सा महाविद्यालय से पढ़ाई की. राजकमल क्रिकेट के अच्छे प्लेयर हैं. इसके अलावा उन्हें बॉडी बिल्डिंग का भी शौक है. वह घंटों जिम में पसीना बहाते हैं.
उनकी नियुक्ति के साथ बेसिक समस्याएं हुई खत्म
साल 2014 में आईएएस राजकमल की नियुक्ति डीएम के तौर पर हुई. उन्होंने दक्षिण सिक्किम जिले में पोस्टिंग के बाद जिले के कुछ गांवों कायाकल्प कर दिया था. उस दौरान गांवों को स्कूल, बिजली-पानी जैसी विकास की सामान्य सुविधाओं से जूझना पड़ता था.
7,500 लोगों को दी बेहतर जिंदगी
आईएएस ऑफिसर ने जिला प्रशासन द्वारा गोद लिया गया गांव'District Administration’s Adopted Village'या 'DAAV' initiative पहल की शुरुआत की थी. इस मॉडल के तहत जिला प्रशासन अविकसित गांव को गोद लेकर उसके विकास की जिम्मेदारी लेता है. प्रशासन की इस पहल के चलते जिले के 7,500 लोगों को बेहतर लाइफ मिल सकी थी.
जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा
वह सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं. उनका कहना है कि उन्हें अपने पिता से प्रेरणा मिलती थी. वर्तमान में राजकमल यादव यूपी के बागपत जिले में अपनी सेवा दे रहे हैं.