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Success Story: यूपीएससी की तैयारी में ली यूट्यूब की हेल्प, एक ही था मौका और पहले प्रयास में तरुणी हुईं सफल

Success Story: यूपीएससी और किसी भी कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी वाले एस्पिरेंट्स मोबाइल फोन और सोशल मीडिया से दूर रहने की सलाह देते हैं, ताकि आपका ध्यान न भटक, लेकिन तरुणी पांडेय की कहानी इससे उलट है. 

Success Story: यूपीएससी की तैयारी में ली यूट्यूब की हेल्प, एक ही था मौका और पहले प्रयास में तरुणी हुईं सफल
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Arti Azad|Updated: Mar 24, 2024, 08:52 AM IST

Success Story of IAS Taruni Pandey: सोशल मीडिया ने हमारी लाइफ में कई बड़े बदलाव लाए हैं. एक तरफ तो इसके जरिए हम अपने असंभव से लगने वाले कई कामों को चुटकियों में कर सकते हैं तो वहीं एक तरह इससे कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. हालांकि, यह कहना गलत नहीं होगा कि आज के समय में सोशल मीडिया हमारा सबसे बड़ा हथियार है, लेकिन बहुत से लोग इसका दुरुपयोग कर भी कर रहे हैं. 

हालांकि, सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल कर आज के समय में आप कुछ भी पा सकते हैं. आज की यह सफलता की कहानी इसी बात की बेहतरीन उदाहरण है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं महिला आईएएस अधिकारी तरुणी पांडेय (IAS Taruni Pandey) के बारे में, जिन्होंने यू-ट्यूब की मदद से देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की. 

झारखंड से है नाता 

हालांकि,  IAS Taruni Pandey मूल रूप से पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं, उनका जन्म चितरंजन में हुआ था. जबकि, उनकी शुरुआती पढ़ाई झारखंड के जामताड़ा से हुई है. बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना लिए करियर की राह में आगे पढ़ रही तरुणी का ये सपना अधूरा ही रह गया, उन्हें अपनी बिगड़ी सेहत के चलते एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़नी पड़ी. इसके बाद तरुणी ने इग्नू से बीए और फिर एमए की डिग्री कंप्लीट की. 

यूट्यूब की मदद से की UPSC की तैयारी

अपनी मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फैसला लिया. तरुणी ने यूट्यूब की हेल्प से वो कर दिखाया है, जिसके बारे में कल्पना करना भी मुश्किल लगता है. उन्होंने अपने पहले ही अटैम्प्ट में यूपीएससी का एग्जाम क्रैक किया. इतना ही नहीं यह सफलता उन्होंने 14वीं रैंक के साथ हासिल की, जो हर किसी के लिए हैरान कर देने वाली बात है. 

परीक्षा के लिए ओवर एज तरुणी के पास था लास्ट चांस

जानकारी के मुताबिक तरुणी पांडेय ने 2020 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की, लेकिन कोविड महामारी के चलते एग्जाम नहीं दे पाई थीं. साल 2021 में उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के तीनों चरणों में सफलता हासिल की. यह तरुणी का पहला और आखिरी मौका था, क्योंकि नियमों के मुताबिक वह इस परीक्षा के लिए ओवर एज थीं.

तकनीक का सही इस्तेमाल

तरुणी की संघर्ष और सफलता की कहानी प्रेरणा देती है कि अगर इरादा अटल हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं और सोशल मीडिया या किसी भी तकनीक का इस्तेमाल हम अपनी लाइफ को बेहतर बनाने और सही दिशा देने के लिए कर सकते हैं.

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