MBBS Engeering Admission Racket: यूपी पुलिस भर्ती का पेपर लीक कराने वाला मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा पेपर लीक कराने तक ही सीमित नहीं था उसका रैकेट और बड़ा था. वह मेडिकल के लिए MBBS से लेकर इंजीनियरिंग तक में एडमिशन दिलाने तक का रैकेट चलाता था. अपनी सहूलियत के लिए उसने एक व्यवस्था बनाई हुई थी. वह शहर में एडमिशन दिलाओ डॉट कॉम नाम से एक कंसल्टेंसी चलता था. अपनी इस कंस्लटेंसी के माध्यम से ही वह यहां लोगों को एडमिशन दिलाने के लिए जाल में फंसाता था.
यहां वह MBBS से लेकर इंजीनियरिंग तक किसी भी सीट पर एडमिशन दिलाने का दावा करता था. इस कंस्लटेंसी का ऑफिस प्रयागराज के जार्ज टाउन में खोला गया था. यह प्रयागराज का पॉश एरिया है यहां मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल्स और बड़े डॉक्टर्स के क्लिनिक हैं. इसके अलावा यहां स्कूल कॉलेज भी हैं. स्टूडेंट्स को एडमिशन दिलाने के एवज में वह छात्रों और अभिभावकों से मोटी रकम भी वसूलता था.
1000 कैंडिडेट्स का रिसॉर्ट में पेपर
अब तक यूपी एसटीएफ ने सिपाही पेपर लीक मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जांच में सामने आया है कि इन लोगों ने ही दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम पहल को पेपर दिया था. इसके बाद गुरुग्राम में 1000 कैंडिडेट्स को रिसॉर्ट में जमा करके पेपर की तैयारी करवाई गई थी.
आरोपियों में MBBS डॉक्टर भी शामिल
यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा 17 और 18 फरवरी 2024 को आयोजित की गई थी. यूपी पुलिस में भर्ती के लिए 48 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स ने आवेदन किया था. 60 हजार से ज्यादा पदों पर ये भर्तियां निकाली गई थीं. बड़े लेवल पर यूपी के कई जिलों में परीक्षा आयोजित हुई थीं. इन्हें देने के लिए केवल यूपी ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार तक से युवा आए थे. पेपर लीक होने के बाद पेपर को रद्द कर दिया गया था. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि पेपर 6 महीने के अंदर दोबारा कराया जाएगा. पकडे़ जाने वाले आरोपियों में शामिल शुभम मंडल ने नालंदा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की है और वह कटिहार के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर है. वहीं एक और आरोपी रवि अत्री ने एमबीबीएस किया है.