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UGC New Guidelines: यूजीसी ने की ऐसी व्यवस्था कि एक साथ 2 कोर्स कर पाएंगे स्टूडेंट्स

UGC Guidelines 2022: मैनेजमेंट, लॉ, इंजीनियरिंग और भी एक ही डोमेन के संस्थान मिलकर एक साथ आकर भी स्टूडेंट्स को डिग्री देने में सक्षम होंगे. इसी के साथ कोरोना महामारी के बाद से पढ़ाई के तरीके में आए बदलाव को अब एक ढांचे में बदल कर स्टूडेंट्स को डुअल मोड में पढ़ाई करने का भी मौका मिलेगा.

UGC New Guidelines: यूजीसी ने की ऐसी व्यवस्था कि एक साथ 2 कोर्स कर पाएंगे स्टूडेंट्स
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Varun Bhasin|Updated: Sep 03, 2022, 12:29 PM IST

UGC Admission Guidelines: एक बार किसी चुनिंदा विषय या फील्ड में पढ़ाई की शुरुआत करने के बाद स्टूडेंट्स का दूसरे सब्जेक्ट या फील्ड में जाना मुश्किल होता था, पर अब यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन यानि UGC की नई गाइडलाइन्स आने के बाद स्टूडेंट्स की मुश्किलें आसान होने वाली है. UGC की नई गाइडलाइन्स में साफ कर दिया गया है कि स्टूडेंट्स अब हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट में हर तरह का कोर्स कर सकेंगे. 

साथ ही अपनी ज़रूरत के हिसाब से स्टूडेंट्स अब बीच में पढ़ाई को रोककर कुछ समय बाद उसी रोके गए कोर्स को वापस से वही से शुरू भी कर पाएंगे. यानि की मल्टिपल एंट्री - एग्जिट किसी भी कोर्स से करने का मौका मिलेगा जो कि पहले मुमकिन नहीं हो पाता था.

मैनेजमेंट, लॉ, इंजीनियरिंग और भी एक ही डोमेन के संस्थान मिलकर एक साथ आकर भी स्टूडेंट्स को डिग्री देने में सक्षम होंगे. इसी के साथ कोरोना महामारी के बाद से पढ़ाई के तरीके में आए बदलाव को अब एक ढांचे में बदल कर स्टूडेंट्स को डुअल मोड में पढ़ाई करने का भी मौका मिलेगा. मतलब क्लास रूम की पढ़ाई करने के साथ स्टूडेंट अब डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन मोड का फायदा अन्य कोर्स करके भी उठा पाएंगे. एक साथ अलग अलग कोर्स में एडमिशन लेने का मौका मिलेगा, पर अभी सिर्फ 2 मान्य कोर्स करने का मौका मिलेगा. 

इसको लागू करने के लिए UGC  ने राज्य सरकारों और यूनिवर्सिटी को आदेश दे दिए है. उसी के मुताबिक तैयारी के अनुसार यूनिवर्सिटी 2022-23 के सत्र में भी इसको लागू कर सकती हैं.

यूजीसी ऐकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के साथ अब स्टूडेंट के लिए नई सुविधा भी ला रही है.  स्टूडेंट अपना अकाउंट बना कर उसमें अपने द्वारा स्कोर किए गए नंबर को इसमें  7 साल तक सुरक्षित रख पाएंगे. स्टूडेंट्स की अगर किसी कारण से एक साल पढ़ाई नहीं होती या फिर आगे जारी नहीं रखना चाहते तो उसी समय की पढ़ाई अनुभव के हिसाब से डिप्लोमा (2 साल की पड़ाई) डिग्री (3 साल की पढ़ाई पर) सर्टिफिकेट दे दिए जाएंगे.

देश में अब तीन तरह के संस्थान ही नज़र आएंगे.
उनकी कैटेगरी होगी.

1. रीसर्च
2. टीचिंग
3. ऑटोनॉमस
तीन हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स होने पर कॉलेज अपने लेवल पर डिग्री देने योग्य होंगे अन्यथा अन्य कॉलेज के साथ मिलकर भी वो डिग्री दे पाएंगे.

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