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IAS Success Story: 6 महीने खुद को कमरे में बंद करने वाली आईएएस निधि सिवाच की कहानी, फैमिली ने रखी थी ये शर्त

IAS Nidhi Siwach Life Story: निधि सिवाच मूल रूप से हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली हैं. उन्होंने 10वीं में 95 फीसदी और 12वीं में 90 फीसदी अंक हासिल किए थे. उन्होंने दीनबंधु छोटूराम विश्वविद्यालय सोनीपत, हरियाणा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग ग्रेजुएशन किया है.

IAS Success Story: 6 महीने खुद को कमरे में बंद करने वाली आईएएस निधि सिवाच की कहानी, फैमिली ने रखी थी ये शर्त
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Updated: Oct 04, 2022, 04:50 PM IST

UPSC IAS Success Story: यूपीएससी परीक्षा में हर साल लाखों की संख्या में उम्मीदवार शामिल होते हैं. लेकिन इनमें से बेहद कम उम्मीदवारों को इस परीक्षा में सफलता मिलती है. कई उम्मीदवार तो अपने सभी प्रयासों में असफल हो जाते हैं. आज हम आपको एक ऐसी आईएएस अधिकारी की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने के लिए कई अटेम्प्ट दिए और परीक्षा में सफल हुईं. हम बात कर रहे हैं आईएएस अफसर निधि सिवाच की.

आईएएस निधि सिवाच ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने के लिए खुद को 6 महीने तक एक कमरे में बंद रखा था और पढ़ाई के लिए अपना समय समर्पित किया. आईएएस निधि 2018 बैच की अधिकारी हैं, यह उनका तीसरा प्रयास था. जिसमें उन्होंने 83 वीं रैंक हासिल की थी.

आईएएस निधि सिवाच ने अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में इतिहास को चुना और वैकल्पिक माध्यम के रूप में अंग्रेजी को चुना था. निधि ने बिना किसी कोचिंग के 6 महीने खुद से तैयारी की और तीसरी बार यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाई और अपना आईएएस बनने का सपना पूरा किया.

ये थी फैमिली की शर्त
परिवार वाले चाहते थे कि निधि शादी कर लें. उनके पास दो रास्ते थे या तो परीक्षा में पास हो जाएं या फिर शादी कर लें. घर वालों ने शर्त रख दी कि अगर इस बार वह फेल हुईं तो उनकी शादी करा दी जाएगी. निधि ने परिवार की इस शर्त को मान लिया. उन्होंने ठान लिया कि इस बार उन्हें आईएएस की परीक्षा पास करनी ही है.

निधि सिवाच मूल रूप से हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली हैं. उन्होंने 10वीं में 95 फीसदी और 12वीं में 90 फीसदी अंक हासिल किए थे. उन्होंने दीनबंधु छोटूराम विश्वविद्यालय सोनीपत, हरियाणा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग ग्रेजुएशन किया है. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद निधि टेक महिंद्रा में एक डिज़ाइन इंजीनियर के रूप में काम करने के लिए हैदराबाद चली गईं. उन्होंने साल 2017 में अपनी नौकरी छोड़ दी थी और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी.

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