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SDM Success Story: एसडीएम संगीता राघव की मार्कशीट वायरल, 1600 में से आए थे सिर्फ इतने नबंर

Deputy Collector Sangeeta Raghav: संगीता एग्जाम की तैयारी के लिए रोजाना 12-13 घंटे पढ़ती थीं. इसके अलावा उन्हें नौकरी के लिए अपनी पीएचडी भी बीच में ही छोड़नी पड़ी. पढ़ाई के दौरान उन्होंने अपने सीनियर्स से भी हेल्प ली. 

SDM Success Story: एसडीएम संगीता राघव की मार्कशीट वायरल, 1600 में से आए थे सिर्फ इतने नबंर
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chetan sharma|Updated: Feb 04, 2023, 07:38 AM IST

SDM Sangeeta Raghav Inspirational Journey: आए दिन आईएएस आईपीएस की मार्कशीट वायरल होती रहती हैं. आज हम आपको एक एसडीएम की कहानी बताने जा रहे हैं. एसडीएम संगीता राघव की यूपीपीसीएस की मार्कशीट वायरल हो रही है. इसमें उनके हर सब्जेक्ट के मार्क्स दिए गए हैं कि कितने नंबर का पेपर था और उनके कितने नंबर आए थे.

उनकी जर्नी की बात करें तो संगीता राघव ने पहले यह तय नहीं किया था कि उनको एक सरकारी अफसर बनना है. संगीता ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई गुरुग्राम के देव समाज विद्या निकेतन स्कूल से की. वहीं 12वीं करने के बाद उन्होंने राजकीय कन्या महाविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. ग्रेजुएशन करने के बाद संगीता ने नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए दिल्ली की इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया. 

जब उनकी पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी हो गई तो पीएचडी करने के लिए संगीता ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में एडमिशन ले लिया. संगीता राघव के पिता दिनेश राघव भारतीय नौसेना के एक रिटायर अफसर हैं और उनकी मां हाउस वाइफ हैं. जब संगीता अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही थीं तो उन्हें वर्ल्ड बैंक और साउथ एशियन इंस्टिट्यूट के प्रोजेक्ट के लिए नेपाल और हिमाचल प्रदेश जाना पड़ा था. उस दौरान उन्होंने लोगों की हेल्प की थी. 

यहां से ही अफसर बनकर लोगों की मदद करने की बात मन में आ गई. इसके बाद उनके अफसर बनने की जर्नी शुरू हुई. साल 2017 में संगीता ने UPPCS एग्जाम दिया, लेकिन वह पास नहीं हो पाईं. इसके बाद उन्होंने फिर मेहनत की और साल 2018 में यूपी पीसीएस परीक्षा पास की और सेकेंड रैंक आई. 

संगीता एग्जाम की तैयारी के लिए रोजाना 12-13 घंटे पढ़ती थीं. इसके अलावा उन्हें नौकरी के लिए अपनी पीएचडी भी बीच में ही छोड़नी पड़ी. पढ़ाई के दौरान उन्होंने अपने सीनियर्स से भी हेल्प ली. संगीता का मानना है कि परीक्षा की तैयारी के दौरान कम से कम लेकिन पॉजिटिव लोगों को अपने आसपास रखना चाहिए.

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