SDM Poonam Gautam: जब कुछ करने का इरादा जहन में पक्का कर लिया जाता है तो फिर कितनी ही बाधाएं क्यों न आ जाएं फिर आप रुकते नहीं हैं. आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसी महिला अफसर की जिन्होंने अफसर बनने के लिए अलग अलग तरह की चीजों को झेला और अफसर बनकर दिखाया.
हम बात कर रहे हैं SDM पूनम गौतम की. पूनम ने अपनी जर्नी की शुरुआत यूपीएससी की तैयारी से की थी. जब उन्होंने तैयारी करने का फैसला लिया तो लोगों के नेगेटिव कमेंट्स आए. उन्होंने पूनम की मदरहुड पर सवाल उठाना शुरू किए कि आप इतने छोटे बच्चे को छोड़कर कैसे जा सकती हैं. आप उसकी केयर नहीं कर सकती हैं. आप इस फील्ड में जा रही हैं. नेगेटिव लोगों ने कहा कि यूपी बोर्ड से पढ़ने वाली पूनम को सफलता नहीं मिलेगी. ऐसे में उन्होंने नेगेटिव लोगों से दूरी बनाई और बेहतर तैयारी के साथ यूपीपीसीएस का एग्जाम दिया. ऐसे सवाल कहीं न कहीं बहुत लो फील कराते थे.
पूनम का कहना है कि जो फैमिली ने सपोर्ट किया वो मेरे लिए और पूरी सोसायटी के लिए एक मैसेज था कि बच्चे की केयरिंग केवल मां की जिम्मेदारी नहीं है ब्लकि पूरे परिवार की जिम्मेदारी है. पूनम ने अपनी तैयारी दिल्ली में रहकर की थी. जब वह तैयारी कर रही थीं तो अपनी बेटी को याद करके खूब रोती भी थीं. पूनम ने अपनी सभी कमजोरियों को अपनी ताकत बनाकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की 2019 की परीक्षा में तीसरी रैंक प्राप्त की और एसडीएम बन गईं.
पूनम का कहना है कि अगर आप सफल होना चाहते हैं तो नेगेटिव लोगों से दूरी बनाकर रखें. वहीं सबसे पहले अपनी क्षमताओं को पहचानें. अपने एग्जाम का सिलेबस चेक करें उसे अच्छे से समझें कि कौन सी किताबें आपके लिए ज्यादा ठीक रहेंगी. उसी के मुताबिक स्ट्रेटजी बनाएं. अपने रिफ्रेशमेंट का भी ध्यान रखें. ज्यादा से ज्यादा रिवीजन करें.
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