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Engineer's Day 2023: 15 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है इंजीनियर्स डे? ये रहा पूरा इतिहास

National Engineer's Day 2023: एम विश्वेश्वरैया के नाम से मशहूर उनका पूरा नाम मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया है. 15 सितंबर को श्रीलंका और तंजानिया में भी इंजीनियर दिवस मनाया जाता है.

Engineer's Day 2023: 15 सितंबर को  ही क्यों मनाया जाता है इंजीनियर्स डे? ये रहा पूरा इतिहास
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chetan sharma|Updated: Sep 15, 2023, 08:59 AM IST

Happy Engineers Day 2023: इंजीनियर्स डे समाज में इंजीनियरों के योगदान का जश्न मनाने, उनकी इनोवेशन की भावना को पहचानने और दुनिया को प्रभावित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करने के लिए समर्पित है. यह दिन जरूरी है क्योंकि यह भारत के महानतम इंजीनियरों और दूरदर्शी लोगों में से एक मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती का जश्न मनाता है. किसी राष्ट्र का विकास उसके इंजीनियरों पर निर्भर करता है क्योंकि वे इनोवेशन, समस्या-समाधान और टेक्नोलॉजी डिवेलपमेंट में सबसे आगे हैं. यह दिन युवा पीढ़ी को इंजीनियरिंग को एक करियर ऑप्शन के रूप में मानने के लिए प्रोत्साहित करता है और हमारे दैनिक जीवन में इंजीनियरिंग के मूल्य की याद दिलाता है. 

History of National Engineers' Day
भारत में राष्ट्रीय इंजीनियर दिवस हर साल 15 सितंबर को प्रसिद्ध भारतीय इंजीनियर और राजनेता सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इंजीनियरिंग के क्षेत्र में, सर विश्वेश्वरैया एक अग्रणी व्यक्ति थे जिन्होंने भारत के बुनियादी ढांचे के विकास को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया. उन्होंने बांधों, सिंचाई नेटवर्क और अन्य परियोजनाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. नेशनल इंजीनियर डे पर हम उनकी विरासत और इंजीनियरों द्वारा भारत के विकास और आधुनिकीकरण में किए गए महत्वपूर्ण योगदान का जश्न मनाते हैं. यह देश की वृद्धि और विकास में इंजीनियरिंग के महत्व की याद दिलाता है.

एम विश्वेश्वरैया का जन्म साल 1861 में कर्नाटक के बेंगलुरु से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चिक्काबल्लापुर में एक तेलुगु परिवार में हुआ था. अपने गृहनगर में अपनी औपचारिक स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, विश्वेश्वरैया मद्रास विश्वविद्यालय में बीए की पढ़ाई करने गए. हालांकि, बाद में उन्होंने पुणे में कॉलेज ऑफ साइंस से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया.

Interesting facts on M Visvesvaraya
एम विश्वेश्वरैया बाढ़ आपदा प्रबंधन और सिंचाई तकनीकों में माहिर थे.
एम विश्वेश्वरैया को इरिगेशन टेक्निक और बाढ़ नियंत्रण में उनके काम के लिए पहचाना गया.
उन्होंने पुणे के पास खडकवासला जलाशय में वाटर फ्लडगेट्स के साथ एक सिंचाई सिस्टम का पेटेंट कराया और स्थापित किया.
एम विश्वेश्वरैया ने मैसूर के दीवान के रूप में शासन किया, जहां उन्होंने बैंगलोर कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की.

Engineers' Day significance
इंजीनियर्स दिवस अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समाज में इंजीनियरों के समर्पण, रचनात्मकता और उपलब्धियों का जश्न मनाता है. यह जटिल समस्याओं को सुलझाने, टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने और दुनिया भर के लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में इंजीनियरों की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है. इंजीनियर्स दिवस रचनात्मकता और प्रगति का उत्सव है क्योंकि यह न केवल शुरुआती इंजीनियरों के योगदान को मान्यता देता है बल्कि वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को भी सीमाओं से परे जाने के लिए मोटिवेट करता है.

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