trendingNow12002066
Hindi News >>करियर
Advertisement

बिजली से सरपट दौड़ती है ट्रेन, सोचा है कभी आखिर लोहे की बनी ट्रेन में बैठे लोगों को क्यों नहीं लगता करंट?

ट्रेन को बिजली के तारों से डॉयरेक्ट करंट मिलता है, जिससे वह सरपट भागती है. ऐसे में क्या कभी आपके मन में यह सवाल नहीं उठता है कि आखिर लोहे की बनी ट्रेन में बिजली की तारों से करंट पहुंचता है तो यात्री कैसे सुरक्षित रहते हैं. 

बिजली से सरपट दौड़ती है ट्रेन, सोचा है कभी आखिर लोहे की बनी ट्रेन में बैठे लोगों को क्यों नहीं लगता करंट?
Stop
Arti Azad|Updated: Dec 09, 2023, 12:13 PM IST

Indian Railways Facts: एक समय था ऐसा था जब इंसान पैदल ही अपनी यात्रा तय करता था , फिर पहियों का आविष्कार हुआ और मनुष्य की तरक्की में भी तेजी आ गई. इसके बाद इंसान ने रेलगाड़ी का आविष्कार किया, जो कोयले की ऊर्जा से पटरियों पर दौड़ती थी. फिर विकास होता गया और पटरियों पर ट्रेन बिजली के करंट से दौड़ने लगी. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं कि ट्रेन में लोगों को करंट न लगने के पीछे क्या साइंस हैं. 

कैसे ट्रेन में करंट नहीं फैलता
अब सबके मन में यह कभी न कभी तो आता ही होगा कि आखिर लोहे से बनी ट्रेन में आखिर करंट क्यों नहीं फैलता है. दरअसल, ट्रेन के इंजन को बिजली के तारों से जो करंट मिलता है वो डायरेक्ट ना मिलकर पेंटोग्राफ के जरिए मिलता है. यह एक ऐसा पुर्जा है जो पूरी रेलगाड़ी में करंट को फैलने से रोकता है.  ट्रेन पर एक यंत्र लगा होता है, जो ट्रेन के ऊपर लगे तारों से रगड़कर चलता है, उसे ही पेंटोग्राफ कहते हैं. 

बिजली के तारों से होता है पेंटोग्राफ का कनेक्शन 
यह जो पेंटोग्राफ है, वो ट्रेन के इंजन पर लगाया जाता है, जो बिजली के तारों से डॉयरेक्ट कनेक्ट होता है. इस एक पुर्जे के कारण ट्रेन में बैठे सभी लोग सुरक्षित होते हैं.  वहीं पेंटोग्राफ के नीचे इंसुलेटर्स लगे रहते हैं जो  करंट इंजन की बॉडी में फैलने से रोकते हैं.

ऐसे दौड़ता है इंजन में करंट 
दरअसल, खंभों से बंधे ये दो तरह के तार होते हैं, जिसमें ऊपर वाला कोटेनरी वायर होता है और नीचे वाला कॉन्टेक्ट वायर होता है. इन दोनों तारों के बीच ड्रोपन के माध्यम से अंतर रखा जाता है. इससे तार हमेशा नीचे रहता है और पेंटोग्राफ से जुड़ा रहता है.

पेंटोग्राफ के जरिए ऊपरी तार से करंट मिलता है, जिसमें प्रवाहित होने वाला 25KV वोल्ट का करंट बिजली इंजन के मेन ट्रांसफार्मर में आता है, जिससे इंजन चलता है. इसमें ऊपर वाला वायर कॉपर और निचला वायर हल्के लोहे का बनाया जाता है.  इन तारों के जरिए करंट मिलता है, जो इंजन को एनर्जी देता है. 

Read More
{}{}