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Dr. Jagdish Gandhi: खुद गांव से पढ़े और खोल दिया दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल, नहीं रहे सिटी मोंटेसरी वाले डॉ. जगदीश गांधी

Dr. Jagdish Gandhi Passed Away: वो राजनीति में खूब एक्टिव थे, विधानसभा में सब उनका नाम जानते थे. उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में वो बड़ी भूमिका निभा रहे थे.

Dr. Jagdish Gandhi: खुद गांव से पढ़े और खोल दिया दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल, नहीं रहे सिटी मोंटेसरी वाले डॉ. जगदीश गांधी
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chetan sharma|Updated: Jan 23, 2024, 11:43 AM IST

CMS Founder Passed Away: महात्मा गांधी, विनोबा भावे और अन्य लोगों से बहुत प्रभावित होकर, युवा और आदर्शवादी डॉ. जगदीश गांधी ने 1959 में शिक्षा के माध्यम से एक नई मानसिकता बनाने का बीड़ा उठाया. केवल पांच बच्चों के साथ, कोई व्यक्तिगत संपत्ति नहीं और उधार दस अमेरिकी डॉलर के बराबर पूंजी ली. डॉ. गांधी ने लगभग साठ साल पहले सिटी मोंटेसरी स्कूल के नाम से लखनऊ में अपना निजी प्रयोग शुरू किया, जो अब पॉपुलर है. जिसे अब सीएमएस के नाम से जाना जाता है. 1999 से दुनिया सबसे बड़े स्कूल का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड सीएमएस के नाम पर ही है. 

वो राजनीति में खूब एक्टिव थे, विधानसभा में सब उनका नाम जानते थे. उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में वो बड़ी भूमिका निभा रहे थे. पर उन्हें लगा झगड़ों को रोकने का सबसे अच्छा तरीका ये नहीं है कि बस समझौते हों या ऊपर से नियम बनें. बल्कि लोगों के दिमाग को ही तैयार करना होगा, ताकि झगड़े ही न हों. इस काम के लिए वो राजनीति छोड़कर एक और रास्ते पर चल पड़े. 

डॉक्टर जगदीश गांधी का जन्म 10 नवंबर 1936 को बरसौली गांव में हुआ था. यह यूपी के अलीगढ़ जिले के सिकंदराराऊ में पड़ता है. पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने सिकंदराराऊ के जीएस कॉलेज से हाई स्कूल तक की पढ़ाई की. उसके बाद मथुरा के चंपा अग्रवाल कॉलेज से 12वीं पास की. उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई लखनऊ यूनिवर्सिटी से की. वहां से उन्होंने कॉमर्स में बैचरल डिग्री ली. 

डॉ. गांधी 11 साल के थे और वह महात्मा गांधी की मृत्यु का दुखद समाचार सुनकर वे व्याकुल हो गए. उसी क्षण उन्होंने जीवन भर महात्मा गांधी की शिक्षाओं का पालन करने का निर्णय लिया और अपना नाम 'जगदीश अग्रवाल' से बदलकर 'जगदीश गांधी' करने का निर्णय लिया.

बचपन में, जगदीश गांधी ने अपने चाचा, प्रभु दयाल, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक अनुभवी स्वतंत्रता सेनानी और एक सामाजिक कार्यकर्ता थे. उनसे समाज सेवा की प्रेरणा ली. भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान दयाल कई बार जेल गए थे. बचपन से ही, जगदीश गांधी महात्मा गांधी की सत्य और अहिंसा की शिक्षाओं से बहुत प्रभावित थे और वह हमेशा उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने का सपना देखते थे.

जगदीश गांधी बीमार थे. अस्पताल में 25 दिनों के संघर्ष के बाद 22 जनवरी 2024 को 87 साल की उम्र में डॉ. जगदीश गांधी का निधन हो गया.

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