IPS Officer Success Story:: हम अक्सर खुद को कम आंकते हैं और परिणामस्वरूप, लक्ष्य हासिल करने की कोशिश करना भी छोड़ देते हैं. विशेष रूप से, सोशल मीडिया बूम के कारण जिसने लोगों को एक आदर्श जीवन का भ्रम पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया है, सेल्फ डाउट से बाहर आना और भी कठिन हो गया है.
इन सबके बीच कुछ कहानियां ऐसी भी हैं जो हमें कई तरह से प्रेरित करती हैं. ऐसी ही एक कहानी है, केरल के मल्लपुरम जिले के एडवन्नप्पारा के एक लड़के की. जिसने सभी बाधाओं से लड़ाई लड़ी और देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी को क्रैक किया.
मोहम्मद अली शिहाब ने 2011 में यूपीएससी परीक्षा पास की और अपने थर्ड अटेंप्ट में आईपीएस अधिकारी बने. शिहाब के पिता का कम उम्र में ही निधन हो गया और स्वत: ही घर चलाने की जिम्मेदारी उनकी मां के कंधों पर आ गई.
एक कम पढ़ी-लिखी मां, जिसे पांच बच्चों की परवरिश करनी थी, ने 11 साल के शिहाब, 8 साल की बेटी सौहराबी और 5 साल की बेटी नसीबा को कोझिकोड के कुट्टीकट्टूर मुस्लिम अनाथालय में छोड़ने का फैसला किया.
एक दशक तक अनाथालय में रहने के दौरान शिहाब ने घर लौटने से पहले डिस्टेंस मोड में पढ़ाई की और अब तक सरकारी नौकरियों के लिए 21 परीक्षाएं पास कर चुके हैं. साल 2004 में उन्होंने चपरासी, तत्कालीन रेलवे टिकट परीक्षक और जेल वार्डन के रूप में भी काम किया.
मोहम्मद अली शिहाब तीन बार यूपीएससी परीक्षा में शामिल हुए और 2011 में अपने थर्ड अटेंप्ट में भर्ती परीक्षा के लिए क्वालीफाई किया. भाषा की बाधाओं के बावजूद, आईपीएस मोहम्मद ने 226वीं एआईआर हासिल की.
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