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Indian Railways: ट्रेन के टिकट पर होता है 5 डिजिट का सीक्रेट कोड, जानिए क्या छुपे होते हैं इसमें राज

Indian Railway Ticket: ट्रेन के टिकट पर पीएनआर नंबर होता है जिससे कि ऑनलाइन आपकी पूरी टिकट को चेक किया जा सकता है. टिकट पर ट्रेन के आने का टाइम और तारीख लिखी होती है.

Indian Railways: ट्रेन के टिकट पर होता है 5 डिजिट का सीक्रेट कोड, जानिए क्या छुपे होते हैं इसमें राज
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chetan sharma|Updated: Jan 08, 2023, 01:42 PM IST

Indian Railway Ticket Secret code: भारत में यात्रा करनी है और सबसे बड़ी बात की सस्ते में करनी है तो सबसे सस्ता और भरोसे वाला साधन रेलवे ही है. आपने भी ट्रेन से कभी न कभी तो यात्रा की होगी. ट्रेन से यात्रा करने से पहले उसका टिकट लेना पड़ता है. हां लेकिन जब हमें ज्यादा दूरी के लिए ट्रेन से जाना होता है तो फिर अपनी सीट बुक करानी होती है. इसके लिए हमें रिजर्वेशन कराना होता है. रिजर्वेशन कराने के बाद एक टिकट मिलता है. उस टिकट पर पूरी जानकारी लिखी होती हैं.

ट्रेन टिकट पर मिलती हैं ये जानकारी
ट्रेन के टिकट पर पीएनआर नंबर होता है जिससे कि ऑनलाइन आपकी पूरी टिकट को चेक किया जा सकता है. टिकट पर ट्रेन के आने का टाइम और तारीख लिखी होती है. अगर आपकी सीट कन्फर्म है तो कोच का नंबर और सीट नंबर भी लिखा होता है. इसके अलावा किस क्लास में सीट बुक की थी वह भी लिखी होती है और कितने रुपये में टिकट बुक हुई थी यह भी लिखा होता है. 

अब हम उस 5 डिजिट के कोड को डीकोड करते हैं. इसमें क्या क्या जानकारियां छिपी होती हैं यह बताते हैं. इस 5 डिजिट के कोड में 0 से 9 तक के नंबर होते हैं. अगर सबसे पहले 0 है तो फिर ट्रेन स्पेशल कैटेगरी की है. त्योहारों पर चलने वाली विशेष ट्रेनों के नंबर 0 से शुरू होते है.

ट्रेन का पहला नंबर अगर 1 या 2 है तो इसका मतलब है कि ट्रेन लॉन्ग रूट की है. यह राजधानी, जन साधारण, शताब्दी, दूरंतो, संपर्क क्रांति और गरीब रथ में से कोई एक ट्रेन हो सकती है. अगर पहला नंबर 3 हो तो यह ट्रेन कोलकाता सब अर्बन ट्रेन होगी. वहीं 4 होने पर नई दिल्ली, चेन्नई, सिकंदराबाद और अन्य मेट्रो सिटी की सब अर्बन ट्रेन होगी.

अगर ट्रेन टिकट पर लिखे नंबर की पहली डिजिट 5 है तो वह सवारी गाड़ी है. अगर पहले 6 नंबर आता है तो यह मेमू ट्रेन है. 7 है तो डेमू है और अगर 8 आया तो यह रिजर्व ट्रेन है. वहीं, पहला अंक 9 होने का मतलब मुंबई की सब अर्बन ट्रेन से है.

5 अंकों के नंबर में दूसरा और उसके बाद का नंबर डिजिट के मुताबिक रहता है. अगर किसी ट्रेन का पहला नंबर अगर 0, 1 या 2 से शुरू होता है तो बाकी के 4 नंबर रेलवे जोन और डिजिवन के बारे में बताते हैं. यह 2011 4-डिजिट स्कीम के अनुसार होता है. चलिए इनके नंबर जानते हैं. ये ट्रेन के टिकट पर पांच डिजिट का जो कोड होता है वो ट्रेन का नंबर होता है.

किस जोन के लिए होता है कौनसा नंबर
0- कोंकण रेलवे
1- सेंट्रल रेलवे, वेस्ट-सेंट्रल रेलवे, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे
2- सुपरफास्ट, शताब्दी, जन शताब्दी. इन ट्रेनों के अगले डिजिट जोन कोड बताते हैं.
3- ईस्टर्न रेलवे, ईस्ट सेंट्रल रेलवे
4- नॉर्थ रेलवे, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे
5- नेशनल ईस्टर्न रेलवे, नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे
6- साउथर्न रेलवे, साउथर्न वेस्टर्न रेलवे
7- साउथर्न सेंट्रल रेलवे, साउथर्न वेस्टर्न रेलवे
8- साउथर्न ईस्टर्न रेलवे, ईस्ट कोस्टल रेलवे
9- वेस्टर्न रेलवे, नार्थ वेस्टर्न रेलवे और वेस्टर्न सेंट्रल रेलवे

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