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IAS Success Story: 10वीं 12वीं में रहीं जिले में टॉपर, पहली बार में ही क्रैक किया UPSC; पढ़िए महिला अफसर की पूरी स्टोरी

IAS Saumya Pandey Gold medalist: जब वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थीं, तब वह देश की सेवा करना चाहती थी, इसलिए अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने फाइनल ईयर में यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. 

IAS Success Story: 10वीं 12वीं में रहीं जिले में टॉपर, पहली बार में ही क्रैक किया UPSC; पढ़िए महिला अफसर की पूरी स्टोरी
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Updated: Nov 19, 2022, 09:59 AM IST

IAS Saumya Panday Success Story: इलाहाबाद की IAS सौम्या पांडे ने CSE में शानदार चौथी रैंक हासिल करके UPSC 2016 की परीक्षा में अपना सपना पूरा किया. उन्होंने बहुत कम उम्र में यह रैंक हासिल की, वह भी फर्स्ट अटेंप्ट में. इस वंडर वुमन ने 2015 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन पूरा किया और अगले ही साल उन्होंने न केवल क्लियर किया बल्कि चौथी रैंक भी हासिल की. 

एक पढ़े-लिखे परिवार से ताल्लुक रखने वाली सौम्या ने साल 2016 में अपने फर्स्ट अटेंप्ट में यूपीएससी क्रैक किया. जब उन्होंने परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया तो उन्हें अपने माता-पिता से पूरा सपोर्ट मिला. 

वह हमेशा अपने एकेडमिक में अच्छी रही हैं. वह 10वीं कक्षा में 98 फीसदी और 12वीं में 97.8 फीसदी नंबरों के साथ जिले की टॉपर भी रहीं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा इलाहाबाद के आर्मी स्कूल से की और हमेशा एक अच्छी स्टूडेंट रही हैं. अपने ग्रेजुएशन लेवल पर, आईएएस सौम्या पांडे मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से गोल्ड मेडल विजेता थीं.

जब वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थीं, तब वह देश की सेवा करना चाहती थी, इसलिए अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने फाइनल ईयर में यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. उनके परिवार में किसी और ने कभी सिविल सेवा परीक्षा के लिए पढ़ाई नहीं की थी, इसलिए वह बिल्कुल नए पेशे में थीं. वह नहीं जानती थीं कि वह किस बारे में बात कर रही हैं, क्योंकि वह सब नया था. उन्हें पता नहीं था कि क्या जरूरी है और क्या नहीं, लेकिन कभी हार नहीं मानी.

ऐसे शुरू की तैयारी
उन्होंने न केवल परीक्षा पास की, बल्कि इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल भी हासिल किया. इसलिए उनका पहला काम उन चीजों का पता लगाना था जिनकी उन्हें तैयारी के दौरान जरूरत होगी. उन्होंने परीक्षा की तैयारी में मदद करने के लिए कोचिंग प्रोग्राम में एडमिशन लेने का फैसला किया. कोचिंग क्लासेज ने उन्हें यह निर्धारित करने में हेल्प की कि उन्हें क्या पढ़ना चाहिए और तैयारी के दौरान उन्हें क्या चाहिए. इसने उन्हें परीक्षा की रणनीति बनाने में हेल्प की.

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