trendingNow12414076
Hindi News >>शिक्षा
Advertisement

कौन हैं DM अनुज सिंह? जिन्होंने स्टेनो को ऑन द स्पॉट कर दिया सस्पेंड, SDM को भी हटाया

IAS Anuj Singh: अनुज सिंह बांदा व बिजनौर जनपद में एसडीएम, गोरखपुर के मुख्य विकास अधिकारी और गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.

कौन हैं DM अनुज सिंह? जिन्होंने स्टेनो को ऑन द स्पॉट कर दिया सस्पेंड, SDM को भी हटाया
Stop
chetan sharma|Updated: Sep 04, 2024, 08:57 AM IST

UPSC Success Story: जब किसी IAS अफसर को किसी जिले का DM बनाया जाता है तो उस जिले में होने वाले हर अच्छे बुरे काम की जिम्मेदारी भी उन्हीं के ऊपर होती है. उसका क्रेडिट भी उन्हीं को जाता है. ऐसा ही कुछ मुरादाबाद में भी हुआ है, वहां के डीएम अनुज सिंह को एक्शन मोड में आना पड़ा और फिर तत्काल प्रभाव से एसडीएम के स्टेनो को सस्पेंड कर दिया. साथ ही एसडीएम मनी अरोड़ा को भी हटा दिया गया है. उनकी जगह अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम प्रीति सिंह को उप जिलाधिकारी/ उप जिला मजिस्ट्रेट ठाकुरद्वारा बनाया गया है.

कहां कहां कर चुके हैं काम

अनुज सिंह 2013 बैच के आईएएस अफसर हैं. बिहार के छपरा के रहने वाले अनुज सिंह ने आईआईटी दिल्ली से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई की है. अनुज सिंह मुरादाबाद आने से पहले सीतापुर जिले के डीएम थे. अनुज सिंह बांदा व बिजनौर जनपद में एसडीएम, गोरखपुर के मुख्य विकास अधिकारी और गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, हापुड़ और सीतापुर के जिलाधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं.

क्या है मामला

डीएम ने किसान से 50 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार ठाकुरद्वारा एसडीएम के स्टेनो सचिन शर्मा को निलंबित कर दिया है. माना जा रहा है कि रिश्वतकांड में ही एसडीएम को हटाया है. उन्हें अभी नई तैनाती भी नहीं दी गई है.

Success Story: इस शहर की पहली महिला SDM हैं अपूर्वा यादव, ऐसी है इंजीनियर से अफसर बनने की कहानी

रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए एक स्टेनो को जेल भेजने के बाद, विजिलेंस की टीम जांच के लिए ठाकुरद्वारा पहुंची. उन्होंने वहां की एसडीएम मनी अरोड़ा और ऑफिस के दूसरे कर्मचारियों से पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया. ये सब इसलिए किया गया ताकि ये पता चल सके कि रिश्वत का सारा मामला कैसे हुआ था. इसके अलावा, टीम ने उस स्टेनो के कंप्यूटर को भी चेक किया जिस पर रिश्वत लेने के सबूत मिलने की उम्मीद थी.

CBSE की 27 टीम और 27 स्कूलों का इंस्पेक्शन, आखिर ऐसा क्या प्लान कर रहा सेंट्रल बोर्ड?

बरेली विजिलेंस की टीम ने एक सरकारी अधिकारी के सहायक (स्टेनो) को पैसे लेकर गलत काम करते हुए पकड़ा था. यह अधिकारी किसानों से उसके खेती की जमीन को गैर-खेती की जमीन बनाने के लिए पैसे ले रहा था. उसने एक किसान से 50 हजार रुपये की रिश्वत ली थी, जिसके बाद उसे रंगे हाथ पकड़ लिया था. 

Success Story: कौन हैं लखनऊ के DM? IAS बनने से पहले 3 बार हुए थे UPSC में फेल

Read More
{}{}