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UGC Guidelines: CUET से एडमिशन के बाद खाली सीटों के लिए यूनिवर्सिटी खुद करा सकती हैं एग्जाम

Common University Entrance Test: यूजीसी ने साफ किया कि स्टूडेंट्स के एडमिशन के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के स्कोर ही मुख्य आधार होंगे.

UGC Guidelines: CUET से एडमिशन के बाद खाली सीटों के लिए यूनिवर्सिटी खुद करा सकती हैं एग्जाम
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chetan sharma|Updated: Aug 02, 2024, 09:14 AM IST

University Grants Commission: यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय सीयूईटी के जरिए दाखिले के बाद अगर ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन कोर्सों में सीटें खाली रह जाती हैं तो वे अपनी खुद की प्रवेश परीक्षा करा सकते हैं या योग्यता परीक्षा के नंबरों के आधार पर स्टूडेंट्स को एडमिशन दे सकते हैं.

यूजीसी ने कहा कि पूरी एक साल की पढ़ाई के लिए सीटें खाली रखना संसाधनों की बर्बादी है और इससे कई ऐसे स्टूडेंट्स को अच्छी हायर एजुकेशन पाने से वंचित किया जाता है जो केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पढ़ना चाहते हैं.

यूजीसी ने हालांकि साफ किया कि स्टूडेंट्स के एडमिशन के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के स्कोर ही मुख्य आधार होंगे. यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा, 'यूजीसी के ध्यान में आया है कि तीन-चार राउंड काउंसिलिंग के बाद भी कुछ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सीटें खाली रह जाती हैं. पूरी एक साल की पढ़ाई के लिए सीटें खाली रखना संसाधनों की बर्बादी है और इससे कई ऐसे स्टूडेंट्स को अच्छी उच्च शिक्षा पाने से वंचित किया जाता है जो सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में पढ़ना चाहते हैं.'

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उन्होंने कहा, 'इसलिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी को अपनी खाली सीटें भरने में मदद करने के लिए एसओपी तैयार किए गए हैं. जिन स्टूडेंट्स ने सीयूईटी दिया है, लेकिन हो सकता है कि उन्होंने संबंधित यूनिवर्सिटी में पहले कोर्स या प्रोग्राम के लिए आवेदन नहीं किया हो, उन्हें भी विचार किया जा सकता है.' कमीशन ने सिफारिश की है कि सीयूईटी में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स को इस बात की परवाह किए बिना विचार किया जा सकता है कि उन्होंने किस सब्जेक्ट में पेपर दिया था.

कुमार ने कहा, 'यूनिवर्सिटी किसी विशेष कोर्स में एडमिशन के लिए सब्जेक्ट स्पेशिफिक एलिजिबिलिटी शर्तों में छूट दे सकती है. अगर सीयूईटी में शामिल होने वाले आवेदकों की लिस्ट खत्म होने के बाद भी सीटें खाली रह जाती हैं तो विश्वविद्यालय अपने लेवल पर एंट्रेंस एग्जाम करा सकता है या संबंधित विभाग स्क्रीनिंग टेस्ट करा सकता है.

विश्वविद्यालय योग्यता परीक्षा में मिले नंबरों के आधार पर भी स्टूडेंट्स को एडमिशन दे सकता है. पूरी प्रवेश प्रक्रिया मेरिट और पारदर्शिता पर आधारित होनी चाहिए. सभी मामलों में कोर्स/ प्रोग्राम में एडमिशन के लिए रिजर्व रोस्टर लागू होगा.'

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