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दोस्ती हो तो ऐसी... UPSC में इन तीन जिगरी यारों ने दिखाया दम, एक साथ क्रैक की परीक्षा, बनें IAS-IPS

UPSC Succcess Story: आज हम आपको ऐसे तीन दोस्तों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने एक साथ मिलकर मौज-मस्ती भी की और साथ में पढ़ाई भी की. वहीं, पढ़ाई ऐसी की कि तीनों के तीनों एक साथ आईएएस और आईपीएस ऑफिसर बन गए.

दोस्ती हो तो ऐसी... UPSC में इन तीन जिगरी यारों ने दिखाया दम, एक साथ क्रैक की परीक्षा, बनें IAS-IPS
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Kunal Jha|Updated: May 22, 2024, 10:28 PM IST

UPSC Succcess Story: अक्सर हमारे माता-पिता को लगता है कि अगर उनका बच्चा अपने दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिता रहा है, तो उसका ध्यान पढ़ाई-लिखाई में कम और मौज-मस्ती में ज्यादा होगा. हालांकि, आज हम आपको ऐसी दोस्ती की मिसाल देंगे, जिनके बारे में सुनकर आप भी कहेंगे कि, दोस्ती हों तो ऐसी. 

ऐसी की पढ़ाई की तीनों बन गए IAS-IPS
दरअसल, आज हम आपको उन तीन दोस्तों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने एक साथ मिलकर मौज-मस्ती तो की, लेकिन साथ में पढ़ाई भी की और पढ़ाई ऐसी की कि तीनों के तीनों एक साथ आईएएस (IAS) और आईपीएस (IPS) ऑफिसर बन गए.

एक साथ तीनों दोस्तों ने क्रैक की UPSC परीक्षा
हम बात कर रहे हैं आईपीएस साद मियां खान (IPS Saad Mian Khan), आईएएस विशाल मिश्रा (IAS Vishal Mishra) और आईएएस गौरव विजयराम कुमार (IAS Vijayram Kumar) की, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए एक साथ पढ़ाई की और एक साथ ही परीक्षा क्रैक कर आईएएस व आईपीएस ऑफिसर बन गए. दरअसल, तीनों दोस्तों में से साद मियां खान को सबसे हाई रैंक मिली थी. उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 25वीं रैंक हासिल की थी. हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने आईएएस के बजाय आईपीएस चुनने का फैसला किया था. 

ऐसे शुरू हुई इनकी दोस्ती
साद मियां खान यूपी के बिजनौर जिले के रहने वाला है और उन्होंने कानपुर से अपने दोस्त विशाल के साथ B.Tech की डिग्री हासिल की थी. दोनों के बीच साल 2007 में दोस्ती हुई. साद और विशाल मिश्रा ने साल 2012 में सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन पूरा किया और इसके बाद यूपीएससी परीक्षा में शामिल होने का फैसला किया और तैयारी के लिए दिल्ली चले आए. यहां उनकी मुलाकात गौरव से हुई और तीनों धीरे-धीरे गहरे दोस्त बन गए. तीनों ने एक साथ दिल्ली में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.

IAS की रैंक पाकर भी चुना IPS
साद मियां खान ने पहली बार साल 2013 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी, जिसमें वह फेल हो गए. इसके बाद वह चार बार यूपीएससी सीएसई में शामिल हुए, लेकिन साल 2017 में वह अपने पांचवें प्रयास में इस परीक्षा को पास करने में सफल हो गए. परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया 25वीं रैंक हासिल की थी, लेकिन यूपीएससी में इतनी अच्छी रैंक हासिल करने के बावजूद साद ने आईएएस की जगह आईपीएस (IPS) का पद चुना.

इंटरव्यू में दोस्तों को दिया तैयारी का श्रेय
वहीं, गौरव विजयराम कुमार ने साल 2017 में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी. जिसमें उन्होंने 34वीं रैंक हासिल की थी. एक इंटरव्यू में जब गौरव से उनकी तैयारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैं अपने दोस्तों के साथ सभी योजनाओं, मुद्दों और सवालों पर चर्चा करता था. उन्होंने बेहतर रणनीति बनाने में मेरी बहुत मदद की."

मेंस परीक्षा के लिए नहीं थे तैयार
आपको बता दें, गौरव ने चौथे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की थी. अपने पहले तीन प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली. उन्होंने कहा, "शुरुआती प्रयास में, मैं मेंस परीक्षा के लिए अच्छी तरह से तैयार नहीं था और बाद के प्रयास में मुझे जनरल स्टडीज के पेपर में अच्छे अंक नहीं मिले."

ऐसे आईएएस बने विशाल
आईएएस विशाल मिश्रा उत्तराखंड से हैं और उन्होंने कानपुर में साद मियां खान के साथ पढ़ाई की है. वह पेशे से इंजीनियर हैं और उन्होंने आईआईटी कानपुर से एम.टेक की डिग्री हासिल की है. इसके बाद उन्होंने भी यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. यूपीएससी सीएसई 2017 में उन्होंने 49वीं रैंक के साथ परीक्षा पास की, जिसके बाद वह आईएएस अधिकारी बन गये.

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