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Explainer: इस साल नीट को लेकर क्यों है विवाद? कोर्ट तक पहुंचे NEET UG 2024 के कई मुद्दे

NEET UG 2024: इस साल अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के लिए होने वाली नीट परीक्षा कंट्रोवर्सी में है. इसमें शामिल होने वाले कैंडिडेट्स ने कई मुद्दे उठाए हैं. नीट परीक्षा से संबंधित कुछ याचिकाएं अदालतों में पेंडिंग हैं.

Explainer: इस साल नीट को लेकर क्यों है विवाद? कोर्ट तक पहुंचे NEET UG 2024 के कई मुद्दे
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Arti Azad|Updated: Jun 08, 2024, 12:19 PM IST

NEET UG 2024 Controversy: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 4 जून 2024 को मेडिकल कोर्सेस में दाखिले के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षा नीट यूजी 2024 (NEET UG) के परिणाम जारी किए. देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक नीट यूजी इस साल विवादों में हैं. यह परीक्षा की शुरआत होने से ही विवादों में है. पहले कुछ छात्रों ने पेपर लीक का आरोप लगाकर एग्जाम सेंटर के बाहर हंगामा किया.

इसके बाद नीट के नतीजे जारी होते ही एनटीए नीट फिर विवादों में घिर गई. अब ये कंट्रोवर्सी थमने का नाम नहीं ले रही हैं. कुछ अभ्यर्थियों ने तो परीक्षा दोबारा आयोजित कराने की भी पिटीशन हाई कोर्ट में दायर की है, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एनटीए से जवाब मांगा है. आइए यहां जानते हैं सिलेसिलेवार नीट 2024 को लेकर होने वाले विवाद क्या रहे और उस पर एनटीए ने क्या कहा...

नीट रिजल्ट 2024 में 67 कैंडिडेट्स ने 720/720 का स्कोर हासिल किया. यह बेहद ही हैरान कर देने वाला रहा, जिसने बड़ी संख्या में उन उम्मीदवारों की ओर ध्यान खींचा, जिन्होंने 720/720 का परफेक्ट स्कोर प्राप्त किया था, क्योंकि कुछ उम्मीदवारों को 718 या 719 अंक मिले, उनका दावा था कि परीक्षा में इतना स्कोर हासिल करना असंभव था. 

एक सवाल के दो सही जवाब
नीट परीक्षा में शामिल हुई एक  उम्मीदवार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें कैंडिडेट ने एनटीए पर यह आरोप लगाया है कि नीट की आंसर-की के एक प्रश्न के दो विकल्प सही माने गए हैं, जबकि निर्देशों में यह कहा गया है कि केवल एक विकल्प सही हो सकता है. इस पर अगले हफ्ते सुनवाई होनी है. याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि परीक्षा में इस प्रश्न का जवाब नहीं देने वालों को समान अंक दिए जाने चाहिए, जैसा कि दोनों सही जवाब देने वालों को दिया गया है. 

रिजल्ट जारी करने पर रोक लगाने से कोर्ट का इनकार
नीट यूजी 2024 नतीजों के खिलाफ दो उच्च न्यायालयों में दो याचिकाएं दायर की गई हैं. वहीं, 1 जून को सुप्रीम कोर्ट में एक पिटीशन दायर कर मांग की गई थी कि पेपर लीक होने के आधार पर परीक्षा का आयोजन फिर से किया जाना चाहिए. वहीं, पिछले महीने इसी तरह की एक और पिटीशन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रिजल्ट जारी करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

इतनी हैं MBBS की सीटें
आपको बता दें कि इस साल नीट यूजी का आयोजन 5 मई को 571 शहरों में किया गया था. इस प्रवेश परीक्षा में लगभग 2.4 मिलियन यानी कि करीब 24 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया, जिनमें से 14 भारत के बाहर थे.  जारी किए गए लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक देश भर के 700 से ज्यादा मेडिकल कॉलेजों में कुल 1,08,940 एमबीबीएस सीटें हैं. 

क्या है 67 टॉपर्स वाला मामला? 
दरअसल, इस साल एनटीए की ओर से जारी किए गए नीट परीक्षा परिणाम में कुल 67 स्टूडेंट्स ने टॉप किया और ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की. जबकि पिछले कुछ सालों के ​​रिकॉर्ड उठाकर देखें तो दो या तीन से ज्यादा स्टूडेंट्स यह पोडिशन हासिल नहीं कर पाए हैं. पिछले साल की बात करें तो इसमें दो लोगों ने परीक्षा में टॉप किया था. वहीं, साल 2022 में एक, 2021 में तीन, 2020 में एक और 2019 में भी एक टॉपर था. 

कंपनसेशन पॉइंट्स
द इंडियन एक्सप्रेस के 6 जून के संस्करण के मुताबिक 67 टॉपर्स में से 44 को बेसिक फिजिक्स के प्रश्न का जवाब गलत मिला, लेकिन फिर भी उन्हें "ग्रेस पॉइंट" दिए गए, क्योंकि एनसीईआरटी की 12वीं की टेक्स्टबुक के पुराने वर्जन में गलती थी. इसके पीछे यह लॉजिक दिया गया कि 720 के हाईएस्ट मार्क्स के बाद, अगला हाईएस्ट संभावित स्कोर 716 था. वहीं, 718 और 719 अंकों का कोई मतलब नहीं था.  एनटीए ने अपनी प्रेस रिलीज में बताया कि 6 टॉपर्स समेत कुछ उम्मीदवारों को समय की हानि के लिए कंपनसेशन पॉइंट्स मिले थे. 

एनटीए ने कहा, "परीक्षा के समय के नुकसान का पता लगाया गया और माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 13 जून 2018 के फैसले के तहत स्थापित तंत्र/सूत्र के अनुसार, ऐसे उम्मीदवारों को उनकी आंसर देने की दक्षता और बर्बाद हुए समय के आधार पर अंकों के साथ कंपनसेशन दिया गया."

प्रेस रिलीज के अनुसार, "1,563 उम्मीदवारों को कंपनसेशन दिया गया और ऐसे उम्मीदवारों के संशोधित अंक  20 से 720 तक अलग हैं. इनमें से दो उम्मीदवारों का स्कोर कंपनसेशन पॉइंट्स के कारण 718 और 719 अंक भी है."

अलॉट टाइम से मिला कम समय
हरियाणा के बहादुरगढ़, दिल्ली और छत्तीसगढ़ के कुछ एग्जाम सेंटर्स के उम्मीदवारों ने शिकायत की कि उन्हें अपनी परीक्षाएं पूरी करने के लिए अलॉट किया गया समय नहीं मिला, जिन्होंने पंजाब और हरियाणा, दिल्ली और छत्तीसगढ़ के उच्च न्यायालयों में रिट याचिकाएं दायर की थीं. 

एनटीए की प्रेस रिलीज के अनुसार, "परीक्षा और शिक्षा क्षेत्र के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों से बनी एक शिकायत निवारण समिति" ने "कार्यकर्ताओं की तथ्यात्मक रिपोर्ट और संबंधित परीक्षा केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर" इन शिकायतों पर गौर किया. 

पेपर लीक का भी लगा आरोप
वहीं, ये भी आरोप लगे थे कि बिहार की राजधानी पटना में नीट यूजी का पेपर लीक हो गया है. एनटीए ने पेपर लीक के किसी भी मामले से स्पष्ट रूप से इनकार किया है. इसमें कहा गया है, "बायकॉट करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं और एनटीए इनवेस्टिगेटर्स को समर्थन दे रही है."

बिहार पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस यूनिट ने कहा कि उसने "इस मामले में गिरफ्तार संगठित गिरोह के सदस्यों" से एडमिट कार्ड, पोस्ट-डेटेड चेक और सर्टिफिकेट जब्त किए हैं. हालांकि, जबकि एक गहन जांच चल रही है. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का कहना है कि अब तक इकट्ठे किए गए सबूत पेपर लीक के कंफर्मेशन करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. 

दूसरे मीडियम का बांट दिया था पेपर
हालांकि, एनटीए ने पुष्टि की है कि राजस्थान के सवाई माधोपुर में हिंदी मीडियम  के कुछ स्टूडेंट्स को गलती से इंग्लिश मीडियम के पेपर दे दिए गए थे.  इसके बाद उम्मीदवार पेपर अपने साथ लेकर परीक्षा हॉल से बाहर निकल गए थे. 

एनटीए के मुताबिक पेपर शाम करीब 4 बजे इंटरनेट पर पोस्ट किया गया था और उस समय तक परीक्षा की दोपहर 2 बजे वाली शिफ्ट शुरू हो चुकी थी. एनटीएन ने कहा कि इसके अलावा देश के बाकी सभी केंद्रों पर परीक्षा अच्छी तरह से आयोजित हुई.  

तय तारीख से पहले जारी कर दिए हए नतीजे
एनटीएन ने 4 जून को नीट यूजी 2024 के नतीजे घोषित कर दिए, जबकि इसके लिए 14 जून की तारीख निर्धारित की गई थी. ऐसे में एनटीए द्वारा तय तारीख से 10 दिन पहले नतीजे जारी करने को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं.

इसके जवाब में एनटीए ने कहा, "इसकी सभी परीक्षाओं के परिणाम आंसर-की ऑब्जेक्शन अवधि के बाद रिजल्ट प्रोसेसिंग में जरूरी जांच पूरी होने पर जल्द से जल्द घोषित किए जाते हैं और स्थापित प्रक्रिया के अनुसार नीट यूजी 2024 का परिणाम" घोषित कर दिया गया है."

एनटीए ने बताया है कि वह "30 दिनों में लगभग 23 लाख उम्मीदवारों के नतीजे घोषित करने में कामयाब रहा. वहीं, जेईई  मेन्स 2024 सेशन -1 का रिजल्ट 11 दिनों में घोषित किया गया और सेशन-2 का रिजल्ट 15 दिनों में घोषित किया गया."

हाईएस्ट कटऑफ पर उठे सवाल
एनटीए ने इस साल असाधारण रूप से हाई कटऑफ के लिए इस तथ्य को जिम्मेदार ठहराया है कि परीक्षा में ज्यादा उम्मीदवार शामिल हुए और सामान्य तौर पर "हाई परफॉर्मेंस स्टैंडर्ड्स" हासिल किए. 

एनटीए की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया, "कटऑफ स्कोर हर सला उम्मीदवारों के ओवरऑल परफॉर्मेंस के आधार पर तय किया जाता है. कटऑफ में बढ़ोतरी एग्जाम के कॉम्पिटेटिव नेचर और इस साल उम्मीदवारों द्वारा हासिल किए गए हाई परफॉर्मेंस स्टैंडर्ड्स को दर्शाती है."

एनटीए की ओर से एक इंडेक्स जारी गई है, जिसमें दिखाया गया है कि 2022 में, जब योग्य उम्मीदवारों के 720 में से औसत अंक 259.00 थे, "यूआर कैटेगरी में क्वालिफाई करने के लिए न्यूनतम स्कोर केवल 117 था. जबकि, साल  2024 में जब पहला नंबर था 323.55 था, कटऑफ 164 था. 

एनटीए के अनुसार, इस साल नीट यूजी के लिए रिकॉर्ड 23.81 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया. वहीं, पिछले साल के 20.87 लाख रजिस्ट्रेशन हुए थे. पिछले साल की अपेक्षा इस साल उम्मीदवारों की काफी ज्यादा है, जो हाई कटऑफ में योगदान दे सकता है.

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