New course for MA: दुनिया के किसी भी विश्वविद्यालय में श्रीमद्भगवद्गीता को लेकर कोई डिग्री प्रोग्राम नहीं था. यहां तक की हिंदू यूनिवर्सिटी ऑफ़ अमेरिका में भी सर्टिफिकेट या डिप्लोमा ही होता है. भारत के अलग अळग विश्वविद्यालय में गीता आंशिक रूप से कोर्स में तो है लेकिन केवल सर्टिफिकेट कोर्स या डिप्लोमा तक ही सारे कोर्स सीमित होकर रह गए.
इग्नू द्वारा भगवद्गीता में MA शुरू किया गया है. MA भगवद्गीता स्टडीज इस कोर्स का हिंदी में नाम है. Masters in Bhagavad Gita studies इसका अंग्रेजी नाम है. भारत के संपूर्ण शास्त्रों का सार गीता है. इसमें अनेक विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित कुलपति एवं आचार्यों की सन्निधि में रहकर अग्रज प्रोफेसर देवेश कुमार मिश्र ने यह कोर्स डिजाइन और डेवेलप किया है. पारंपरिक सब्जेक्ट को आधुनिक से जोड़कर किस प्रकार विस्तार किया जाए, इस इंटेलिजेंश और थिंकिंग स्किल वाले डॉ देवेश कुमार मिश्र को ही इस प्रोग्राम के कॉर्डिनेटर होने का सौभाग्य प्राप्त है.
अभी यह केवल हिंदी माध्यम से है, भविष्य में अंग्रेजी माध्यम से विदेश में भी इस प्रोग्राम का विस्तार करने की योजना डॉ मिश्र ने बनाई है. इसके पूर्व डॉ मिश्र ने पिछले 3 साल में एम ए ज्योतिष, एम ए वैदिक स्टडीज, एम ए हिंदू स्टडीज, वास्तुशास्त्र में पीजी डिप्लोमा, संस्कृत संभाषण में सर्टिफिकेट लेटर प्रोग्राम जैसे अत्यंत गंभीर और राष्ट्रोपयोगी कार्यक्रमों का संचालन किया है.
डॉ देवेश कुमार मिश्र ही इन सभी प्रोग्राम के कॉर्डिनेटर हैं. इन सभी में एडमिशन एवं परीक्षा संपन्न हो रहे हैं. भारतीय चिंतन धारा के लिए हायर एजुकेशन जगत में यह कीर्तिमान और गौरव का विषय है. इसके लिए इग्नू के कुलपति प्रोफेसर नागेश्वर राव तथा देवेश मिश्र बधाई के पात्र है.
पद्मभूषण प्रोफेसर कपिल कपूर, जेएनयू की कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित, इग्नू के कुलपति प्रोफेसर नागेश्वर राव, समकुलपति किरण हजारिका, समकुलपति श्रीकांत मोहांपात्रा, समकुलपति उमाकांजीलाल, रजिस्ट्रार आलोक चौबे के साथ मंच पर कॉर्डिनेटर डॉ देवेश कुमार मिश्र प्रोग्राम लांन्च किया.