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GK: मॉडर्न कॉन्सेप्ट नहीं, कई शताब्दियों से अस्तित्व में हैं बांध, ये हैं देश के Largest और Biggest Dams

Facts of Dams: बांधों का उपयोग बाढ़ की रोकथाम, जलाशयों के रूप में नदियों में वॉटर फ्लो को रेगूलेट करने, सिंचाई सुविधा और एनर्जी पैदा करने जैसे कामों के लिए होता है.  ये देश को सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ देते हैं. 

GK: मॉडर्न कॉन्सेप्ट नहीं, कई शताब्दियों से अस्तित्व में हैं बांध, ये हैं देश के Largest और Biggest Dams
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Arti Azad|Updated: Jun 24, 2024, 06:36 PM IST

Largest And Biggest Indian Dams: बांध नदियों पर बनाया जाने वाला एक ऐसा स्ट्रक्चर है, जिसका मेन मोटिव वॉटर कंजर्वेशन की फैसिलिटी प्रदान करना है. जल बांध कोई मॉडर्न कॉन्सेप्ट  नहीं है, क्योंकि ये कई शताब्दियों से अस्तित्व में हैं. ऐतिहासिक रूप से दुनिया भर में बांध सभ्यताओं के विकास में बहुत उपयोगी रहे हैं.  

इस तरह से सभ्यताएं सदियों से शहरों और कृषि क्षेत्रों के जरिए पानी को प्रवाहित करने में सक्षम रही हैं. डैम के जरिए ही अलग-अलग राज्यों में घरेलू, उद्योग और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है. आज हम आपको भारत के सबसे बड़े और ऊंचे डैम के बारे में बताने जा रहे हैं...

टिहरी डैम
टिहरी डैम देश का पहला और दुनिया का 8वां सबसे ऊंचा बांध है. उत्तराखंड के गढ़वाल में स्थित इस डैम की ऊंचाई 260 मीटर और 575 मीटर की लंबाई है. आपको जानकर हैरानी होगी कि यह दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण हाइड्रोइलेक्ट्रिक वॉटर प्रोजेक्ट भी है. भागीरथी और भिलंगना नदियों का पानी यहां आता है. इस डैम से 1,000 मेगावाट बिजली मिलती है. साल 1978 से शुरू हुआ इसका निर्माण कार्य 2006 में खत्म हुआ था.

भाखड़ा नांगल बांध 
राजस्थान, हरियाणा और पंजाब सरकार की यह साझी परियोजना ऊंचाई के मामले में दूसरे नंबर पर है. 225 मीटर ऊंचा यह ग्रेविटी डैम एशिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है. सतलुज नदी पर बने इस जलाशय का ही नाम 'गोबिंद सागर' भी पड़ा. बताया जाता है कि इस डैम में 9.34 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी हो सकता है. 

सरदार सरोवर बांध
सरदार सरोवर बांध गुजरात में नर्मदा नदी पर बना है, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा बांध है. इसकी ऊंचाई 138 मीटर है. इस डैम से गुजरात के साथ-साथ मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान को भी फायदा मिलता है. डैम की 1,450 मेगावाट तक बिजली पैदा करने की क्षमता है. 

हीराकुंड बांध
विश्व के सबसे लंबे बांधों में से एक हीराकुंड बांध देश का प्राउड है. यह बांध दुनिया में सबसे लंबा मानव निर्मित बांध है, जो मिट्टी के कंक्रीट और पत्थर का स्ट्रक्चर है. ओडिशा में महानदी नदी पर निर्मित इस डैम की ऊंचाई 200 फीट है. यहां बने जलाशय को हीराकुंड झील कहा जाता है.

नागार्जुन सागर डैम
बौद्ध भिक्षु आचार्य नागार्जुन के नाम पर बना यह बांध 490 फीट ऊंचा और 1.6 किलोमीटर लंबा है.  कृष्णा नदी पर बने इस बांध की क्षमता 11, 472 मिलियन क्यूबिक मीटर है. नागार्जुन सागर की बिजली पैदा करने की क्षमता 815.6 मेगावाट की है. 

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