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Success Story: इंजीनियर ने UPSC के लिए छोड़ी नौकरी, 5 बार प्री में फेल, कोचिंग फीस देने के लिए की पार्ट टाइम जॉब, अब हैं...

IFS Success Story: अटूट धैर्य और दृढ़ संकल्प को दिखाने वाली एक इंस्पायरिंग स्टोरी आईएएस राम्या सीएस की है, जिन्होंने 2021 में यूपीएससी परीक्षा में एआईआर 46 हासिल की.

Success Story: इंजीनियर ने UPSC के लिए छोड़ी नौकरी, 5 बार प्री में फेल, कोचिंग फीस देने के लिए की पार्ट टाइम जॉब, अब हैं...
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chetan sharma|Updated: Jun 25, 2024, 09:44 AM IST

IFS Ramya CS Success Story: यूपीएससी दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है और हर साल भारत भर से कई उम्मीदवार इसे पास करने और आईएएस अधिकारी बनने के टारगेट के साथ यूपीएससी परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन कुछ ही यूपीएससी परीक्षा पास करने में सफल होते हैं और कुछ दोबारा परीक्षा देते हैं. अटूट धैर्य और दृढ़ संकल्प को दिखाने वाली एक प्रेरक कहानी आईएएस राम्या सीएस की है, जिन्होंने 2021 में यूपीएससी परीक्षा में एआईआर 46 हासिल की.

राम्या तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले की रहने वाली हैं. वह पलक्कड़ के रहने वाले आर मुथुलक्ष्मी और नेनमारा के रहने वाले आर चंद्रशेखर की इकलौती बेटी हैं. उनका परिवार सालों से कोयंबटूर के रामनगर कट्टूर में रहता है. उन्होंने कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (EEE) में ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी की. बाद में, उन्होंने इग्नू (IGNOU) से एमबीए किया.

अपने पिता की आकस्मिक मृत्यु के बाद उन्होंने परिवार की ज़िम्मेदारी उठाई. उन्होंने बेंगलुरु की एक इंस्ट्रूमेंटेशन कंपनी में इंजीनियर के रूप में तीन साल तक काम किया, लेकिन यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए 2017 में नौकरी छोड़ दी.

इसके अलावा, उन्होंने डेटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में काम किया और अपनी परीक्षा की तैयारी के लिए पार्ट टाइम डेटा कलेक्शन का काम भी किया.

हालांकि, यह उनके लिए एक कठिन यात्रा थी क्योंकि वह यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में पांच बार असफल रहीं. अंततः उन्होंने AIR 46 के साथ अपने आखिरी अटेंप्ट में सफलता प्राप्त की. स्टेट लेवल पर, उन्होंने दूसरी रैंक हासिल की. वह वर्तमान में एक IFS अधिकारी के रूप में तैनात हैं.

राम्या सीएस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा है, सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना वास्तव में अपने आप में एक जर्नी थी - हालांकि, इसे पास करना और  भारतीय विदेश सेवा हासिल करना सोने में सुहागा था. कूटनीति, ग्लोबल अफेयर, विविध संस्कृति और सरकारी प्रक्रियाओं में योग्यता को समझना, प्रयोग करना और महारत हासिल करना अभी बाकी है. जैसा कि कहा जाता है, "सीखना एक मंजिल नहीं है, बल्कि एक कभी न ख़त्म होने वाली प्रक्रिया है", मेरी सीखने की यात्रा जारी है.

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