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Success Story: जिद थी कि IAS बनना है, पहले अटेंप्ट में बनी IPS फिर दोबारा दिया USPC और बन गईं आईएएस

IAS Garima Agrawal: पहली सफलता से हौसला पाकर गरिमा ने एक और मुश्किल रास्ता चुना. गरिमा ने यूपीएससी की तैयारी के लिए अलग स्ट्रेटजी अपनाई थी.

Success Story: जिद थी कि IAS बनना है, पहले अटेंप्ट में बनी IPS फिर दोबारा दिया USPC और बन गईं आईएएस
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chetan sharma|Updated: Aug 07, 2024, 06:04 AM IST

Who is Garima Agrawal: सफलता की राह पर गरिमा अग्रवाल की दृढ़ता और दृढ़ संकल्प की कहानी वास्तव में मोटिवेशनल है. वह एक बिजनेस फैमिली से आती हैं और उसने स्कूल में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया, 10वीं और 12वीं कक्षा में क्रमशः 89% और 92% प्रभावशाली ग्रेड हासिल किए. गरिमा की राह में एक जरूरी मोड़ आया जब उन्होंने जेईई परीक्षा पास की और आईआईटी हैदराबाद में एडमिशन लिया, जहां उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. इसके बाद, उन्होंने जर्मनी में एक इंटर्नशिप के माध्यम एक्सप्लोर किया.

गरिमा को नई चीजें सीखने का शौक हमेशा बना रहा, चाहे उन्हें कितनी ही बड़ी सफलता मिल चुकी हो. उन्होंने अपने लिए एक कठिन लक्ष्य चुना - यूपीएससी की परीक्षा पास करना. बहुत मेहनत और लगन के साथ उन्होंने 240 नंबर हासिल किए और अपने सपने का आईपीएस पद हासिल कर लिया. मगर ये उनकी राह का अंत नहीं था. पहली सफलता से हौसला पाकर गरिमा ने एक और मुश्किल रास्ता चुना. उन्होंने आईपीएस की जिम्मेदारियों को निभाते हुए, अपना असली लक्ष्य यानी आईएएस बनने की तैयारी जारी रखी.

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गरिमा ने यूपीएससी की तैयारी के लिए अलग स्ट्रेटजी अपनाई थी. उनका मानना है कि प्री एग्जाम, मेंस एग्जाम और इंटरव्यू तीनों फेज के लिए गहन तैयारी जरूरी है. उन्होंने अपने एक्सपीरिएंस से बताया कि प्री और मेंस एगजाम में पूछे जाने वाले कुछ सब्जेक्ट में ओवरलैप हो सकता है. गरिमा, जो फिलहाल तेलंगाना में असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट हैं, उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर 2018 में फिर से परीक्षा दी और AIR 40 हासिल किया. वो लगातार प्रक्टिस और मॉक टेस्ट लेने पर जोर देती हैं ताकि लिखने के स्किल बेहतर हो सकें. उनकी शानदार सफलता इस बात का प्रमाण है कि सफलता सिर्फ पढ़ाई से नहीं, बल्कि सही प्लानिंग और फोकस्ड स्टडी से भी मिलती है.

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