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IIT-JEE और SSC CGL के बाद क्रैक की UPSC परीक्षा और बन गए IAS, पर 12 साल बाद छोड़ दी नौकरी

UPSC Success Story: आज युवा पीढ़ी गौरव कौशल को एक रोल मॉडल के रूप में देखती है. उन्होंने न केवल SSC CGL और IIT-JEE की परीक्षाएं पास की हैं, बल्कि UPSC सिविल सेवा परीक्षा जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफलता प्राप्त की है.

IIT-JEE और SSC CGL के बाद क्रैक की UPSC परीक्षा और बन गए IAS, पर 12 साल बाद छोड़ दी नौकरी
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Kunal Jha|Updated: Jun 28, 2024, 04:06 PM IST

Gaurav Kaushal UPSC Success Story: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. हर साल बड़ी संख्या में उम्मीदवार इस प्रतियोगी परीक्षा को पास करने का प्रयास करते हैं, लेकिन केवल कुछ प्रतिशत उम्मीदवार ही यूपीएससी परीक्षा पास कर पाते हैं. सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए एक उम्मीदवार को दिन में कई घंटों तक पढ़ाई के लिए समर्पित होना पड़ता है. आज हम आपको एक ऐसे ही उम्मीदवार के बारे में बताएंगे, जिन्होंने कड़ी मेहनत के दम पर देश की सबसे कठिन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईएएस का पद हासिल किया था. उन्होंने यूपीएससी क्रैक करने ऑल इंडिया 38वीं रैंक हासिल की थी, लेकिन उन्होंने 12 साल आईएएस के पद पर काम करने के बाद अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया.

आज युवा पीढ़ी गौरव कौशल को एक रोल मॉडल के रूप में देखती है. उन्होंने न केवल SSC CGL और IIT-JEE की परीक्षाएं पास की हैं, बल्कि UPSC सिविल सेवा परीक्षा जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफलता प्राप्त की है.

दरअसल, हरियाणा गौरव कौशल का होम स्टेट है. उन्होंने पंचकूला में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) क्लियर किया और आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) में एडमिशन ले लिया. हालांकि, एक साल की पढ़ाई के बाद, उन्होंने IIT दिल्ली छोड़ने और कंप्यूटर साइंस में B.Tech पूरा करने के लिए BITS पिलानी में दाखिला लेने का फैसला किया. लेकिन उन्होंने फिर से अपने घर वालों के सामने दूसरे विचार रखे और एक साल के कोर्स के बाद कॉलेज छोड़ दिया. इस बार वे B.Tech करने के लिए पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज गए.

उन्होंने साल 2012 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 38वीं रैंक हासिल की थी. ​​उसके बाद, वे भारतीय रक्षा संपदा सेवा (IDES) में शामिल हो गए, जहां उनकी जिम्मेदारियों में सैन्य भूमि का मैनेजमेंट और छावनी बोर्ड के प्रशासनिक कार्यों की देखरेख करना शामिल था. हालांकि, बाद में, उन्होंने UPSC उम्मीदवारों को ट्रेन्ड करने के लिए अपनी 12 साल की नौकरी छोड़ दी.

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