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DM ने दो सचिव और एक वीडीओ को कर दिया ऑन द स्पाट सस्पेंड, कौन हैं IAS दुर्गा शक्ति नागपाल?

DM Durga Shakti Nagpal Action: उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर, मथुरा सहित कई अन्य जिलों में वह तैनात रह चुकी हैं. वह 2010 बैच की IAS अधिकारी हैं.

DM ने दो सचिव और एक वीडीओ को कर दिया ऑन द स्पाट सस्पेंड, कौन हैं IAS दुर्गा शक्ति नागपाल?
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chetan sharma|Updated: Sep 17, 2024, 06:52 AM IST

DM Durga Shakti Nagpal: जब आपके ऊपर हजारों लोगों की जिम्मेदारी होती है तो फिर हर अच्छे बुरे काम का क्रेडिट भी आप ही को मिलता है. ऐसी ही जॉब है डीएम की. एक डीएम के ऊपर उस जिले में होने वाले हर काम की जिम्मेदारी होती है, चाहे वो काम छोटा हो या फिर बड़ा हो. आज हम बात कर रहे हैं लखीमपुर खीरी की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के बारे में. जिन्होंने दो सचिव और एक ग्राम विकास अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है, वहीं पांच सचिवों पर विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं. 

आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के पति अभिषेक सिंह भी आईएएस अधिकारी थे. दुर्गा शक्ति नागपाल पंजाब कैडर की आईएएस अधिकारी हैं. यूपी कैडर के आईएएस अभिषेक सिंह से शादी करने के बाद वह अपना कैडर बदलवा कर उत्तर प्रदेश आ गई थीं. उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर, मथुरा सहित कई अन्य जिलों में वह तैनात रह चुकी हैं. IAS दुर्गा शक्ति नागपाल  का जन्म 25 जून 1985 को दिल्ली में हुआ था. वह 2010 बैच की IAS अधिकारी हैं. दुर्गा शक्ति नागपाल ने आईएएस अधिकारी बनने से पहले बी.टेक में ग्रेजुएशन किया था. उनका दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत तब सफल हुई जब उन्होंने 20वीं रैंक हासिल की और आईएएस कैडर में एंट्री की.

पूर्व आईएएस अभिषेक सिंह और आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल की मुलाकात साल 2009 में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान हुई थी. दुर्गा शक्ति नागपाल भी काफी चर्चित आईएएस अधिकारी हैं. अभिषेक सिंह के पिता रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी हैं. अभिषेक बचपन से पुलिस की वर्दी पहनने का सपना देखते थे, लेकिन पिता की सलाह के बाद उन्होंने आईएएस की तैयारी शुरू की थी.

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क्या है मामला?

आरोप है कि लखीमपुर खीली जिले की धौरहरा तहसील के कई गांवों में हैंडपंप रिबोर और मरम्मत में सचिवों प्रधानों ने मिलकर बड़ा घोटाला किया है. रिबोर करने वाली दोनों फर्मों को भी ब्लैकलिस्ट करने के साथ ही एफआईआर दर्ज कराई गई है. सचिवों और एक-एक ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है. घोटाले की धनराशि 15,06,975 की वसूली के लिए प्रधानों और सचिव को वसूली के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई के आदेश भी दिए हैं.

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