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अब अग्निवीरों को देना होगा मेंटल टेस्ट, तीन पैरामीटरों पर परखे जाएंगे कैंडिडेट्स

Indian Army Recruitment: मेंटल टेस्ट लागू करने का उद्देश्य आत्महत्या या सहयोगियों पर बढ़ते हमलों और कई जवानों के समाज के खिलाफ काम में शामिल होने को देखते हुए लागू किया गया है.

अब अग्निवीरों को देना होगा मेंटल टेस्ट, तीन पैरामीटरों पर परखे जाएंगे कैंडिडेट्स
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chetan sharma|Updated: Jan 22, 2024, 09:12 AM IST

Indian Army Agniveer: भारतीय सेना में भर्ती के लिए कैंडिडेट्स को एग्जाम देना पड़ता है. एग्जाम में कई पड़ाव होते हैं. इस दौरान सभी फेज को क्लियर करने वाले कैंडिडेट्स सेना में सेवा देने के लिए क्वालिफाई कर पाते हैं. आज हम आपको सेना भर्ती मे जोड़े जा रहे नए टेस्ट के बारे में बता रहे हैं. इस टेस्ट को अग्निवीरों भर्ती परीक्षा में सबसे पहले लागू किया जा रहा है. इसे इसी साल पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा. साल 2024-25 में होने वाली भर्ती के दौरान अब इस टेस्ट को सभी अग्निवीरों कैंडिडे्टस को देना होगा. 

यह टेस्ट को मेंटल टेस्ट (मानसिक जांच) का नाम दिया गया है. लाइव हिंदुस्तान के मुताबिक अग्निवीरों भर्ती के लिए हर कैंडिडेट को यह एग्जाम देना होगा. इस एग्जाम में 3 पैरामीटर पर कैंडिडेट्स को परखा जाएगा. इसकी तीन स्टेज में पहली स्टेज है, कैंडिडेट में खुद को नुकसान पहुंचाने की प्रवृति तो नहीं है. दूसरा है, कैंडिडेट कहीं दूसरों को नुकसान तो नहीं पहुंचाएगा और तीसरी और आखिरी है कि कैंडिडेट की सामाजिक रूप पर प्रवृति निगेटिव तो नहीं है. यह प्रक्रिया अभी अग्निवीरों भर्ती से शुरू हो रही है लेकिन आगे चलकर सभी डायरेक्ट भर्ती पर  लागू की जाएगी. 

इस टेस्ट के लिए सेना में एक मॉड्यूल तैयार किया गया है. यह टेस्ट मेडिकल टेस्ट के दौरान ही कर लिया जाएगा. इसके अलावा सेना में एक और प्रोग्राम शुरू किया गया है. जवानों में बढ़ते स्ट्रेस से निपटने के लिए अलग से भी मेंटल केयर प्रोग्राम मेंटल सपोर्ट कैंपेन 'मन्सा' शुरू किया गया है. इसमें अग्निवीरों समेत सभी रैंक शामिल हैं.

 मेंटल टेस्ट लागू करने का उद्देश्य आत्महत्या या सहयोगियों पर बढ़ते हमलों और कई जवानों के समाज के खिलाफ काम में शामिल होने को देखते हुए लागू किया गया है. सेना के सूत्रों को मुताबिक सालाना 100-140 जवान तक आत्महत्या करते हैं. वहीं अगर तीनों सेनाओं को मिला लिया जाए तो यह संख्या और भी ज्यादा हो सकती है. संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक तीनों सेनाओं में 800 से ज्यादा जवानों ने आत्महत्या की है.

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