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Zomato Share Price: सेंसेक्‍स-न‍िफ्टी र‍िकॉर्ड हाई पर, फ‍िर भी Zomato का शेयर धराशायी, क्‍या है कारण?

Sensex and Nifty Record: जोमैटो को 'डिलीवरी चार्जेज' के रूप में जुटाए गए पैसे पर जीएसटी अधिकारियों से 400 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस म‍िला है. इसके बाद शेयर में ग‍िरावट आ रही है.  

Zomato Share Price: सेंसेक्‍स-न‍िफ्टी र‍िकॉर्ड हाई पर, फ‍िर भी Zomato का शेयर धराशायी, क्‍या है कारण?
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Kriyanshu Saraswat|Updated: Dec 28, 2023, 03:10 PM IST

Stock Market Tips: शेयर बाजार हर द‍िन नया र‍िकॉर्ड बना रहा है. सेंसेक्‍स और न‍िफ्टी दोनों ने ही ऑल टाइम हाई टच कर ल‍िया है. सेंसेक्‍स गुरुवार को 72,435.70 अंक के हाई पर और न‍िफ्टी 21,776.90 अंक के र‍िकॉर्ड पर पहुंच गया. लेक‍िन इस सबके बीच जोमैटो के शेयर में भारी ग‍िरावट देखी जा रही है. बुधवार को 127.05 रुपये पर बंद होने वाले जोमैटो (Zomato) का शेयर गुरुवार सुबह 124.90 रुपये पर खुला. इसी द‍िन शेयर 120.70 रुपये के लेवल तक ग‍िर गया. इस दौरान शेयर करीब 5 प्रत‍िशत तक ग‍िर गया. हालांक‍ि बाद में इसमें र‍िकवरी देखी गई और यह चढ़कर 123 रुपये पर कारोबार करता देखा गया.

शेयर में ग‍िरावट आने का कारण

दरअसल, जोमैटो के शेयर में यह ग‍िरावट बकाया का जीएसटी नोट‍िस म‍िलने के बाद आई है. जोमैटो को 'डिलीवरी चार्जेज' के रूप में जुटाए गए पैसे पर जीएसटी अधिकारियों से 400 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस म‍िला है. इस नोट‍िस के म‍िलने के बाद जोमैटो का शेयर करीब 5 प्रत‍िशत तक ग‍िर गया. जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) ने पिछले महीने जोमैटो और उसके कंप्‍टीटर स्विगी को डिमांड नोटिस जारी किया था. इस नोट‍िस में उन्हें क्रमशः 400 करोड़ रुपये और 350 करोड़ रुपये से ज्‍यादा के पेंडिंग का पेमेंट करने के लिए कहा गया था.

कंपनी जीएसटी भुगतान के लिए ज‍िम्‍मेदारी नहीं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जोमैटो को कारण बताओ नोटिस 29 अक्टूबर, 2019 से 31 मार्च, 2022 तक की अवधि के लिए म‍िला है. इसके बाद जोमैटो की तरफ से गया क‍ि वो जीएसटी का भुगतान करने के लिए ज‍िम्‍मेदारी नहीं है क्योंकि डिलीवरी चार्जेज डिलीवरी पार्टनर्स की तरफ से कंपनी द्वारा इकट्ठा क‍िया जाता है. एक्‍सचेंज फाइलिंग में जोमैटो ने कहा कि नियमों और शर्तों के अनुसार 'डिलीवरी पार्टनर्स ने कस्टमर्स को डिलीवरी सर्व‍िस दी हैं, न कि कंपनी को'.

जोमैटो ने कहा, 'कंपनी कारण बताओ नोटिस (SCN) का जवाब देगी'. कंपनी ने कहा, 'अभी तक किसी भी प्रकार का कोई आदेश पारित नहीं किया गया है. जैसा कि ऊपर बताया गया है, कंपनी का मानना है कि उसका केस मजबूत है.' पिछले महीने जोमैटो और स्विगी को डिलीवरी चार्ज पर जीएसटी नोटिस मिला था. जोमैटो और स्विगी के अनुसार, 'डिलीवरी चार्ज' कुछ और नहीं बल्कि डिलीवरी पार्टनर्स द्वारा लगाई जाने वाली लागत है जो घर-घर खाना पहुंचाने जाते हैं.

स्विगी ने प‍िछले द‍िनों खाने के ऑर्डर के लिए फीस 2 रुपये से बढ़ाकर 3 रुपये कर दी थी. जोमैटो ने पहले ही अपना प्लेटफॉर्म शुल्क शुरुआती 2 रुपये से बढ़ाकर 3 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया था.

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