trendingNow12195593
Hindi News >>बिजनेस
Advertisement

कीमोथेरेपी से बेहतर था मैं मर जाऊं, लेकिन...जेरोधा फाउंडर नितिन कामथ की पत्नी ने बयां की कैंसर से जंग की कहानी

Zerodha: जेरोधा के सीईओ  नितिन कामथ की पत्नी सीमा पाटिल ने कैंसर की जंग जीत ली. साल 2021 में सीमा ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हो गई थीं. 10 महीने के लंबे संघर्ष और कीमोथेरेपी के दर्द को झेलते हुए उन्होंने इस जंग को जीत लिया.

nitin kamath
Stop
Bavita Jha |Updated: Apr 09, 2024, 08:29 AM IST

Zerodha CEO Nitin Kamath Wife: जेरोधा के सीईओ  नितिन कामथ की पत्नी सीमा पाटिल ने कैंसर की जंग जीत ली. साल 2021 में सीमा ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हो गई थीं. 10 महीने के लंबे संघर्ष और कीमोथेरेपी के दर्द को झेलते हुए उन्होंने इस जंग को जीत लिया. इस मुश्किल सफर में उनके लाइफ पार्टनर नितिन हर कदम पर उनके साथ खड़े थे. 

सीमा ने कैंसर के संग अपनी जंग को एक बार फिर से याद करते हुए बताया है कि कैसे नितिन उसके हर दर्द में उनका साथ निभा रहे थे. सीमा के लिए से सफर आसान बन सके, इसलिए उन्होंने अपने सिर के सारे बाल कुर्बान कर दिए. दिलीप कुमार के पॉडकास्ट शो 'द अदर साइड' में सीमा ने कैंसर के खिलाफ अपनी लड़ाई का किस्सा बयां किया है. कैसे कीमोथेरेपी का बर्दाश्त न हो सकने वाला दर्द उन्हें अहसास दिलाता था कि इससे बेहतर मर जाान है. 

कीमोथेरेपी का दर्द बयां कर पाना मुश्किल

सीमा ने बताया जब पहली बार वो कीमोथेरेपी के लिए गई तो उन्हें पता नहीं था कि क्या होगा. शुरुआती दो-तीन दिन कुछ पता नहीं चला, लेकिन इसके बाद वो दर्द बढ़ने लगा. वो दर्द ऐसा था कि लगता था इससे बेहतर की मैं कर ही जाऊं. दूसरी बार कीमोथेरेपी ने मैं समझ चुकी थी कि अभी इस दर्द को झेलना पड़ेगा. इसलिए मैंने सोपे पर पड़े रहने के बजाए खुद को एक्टिव रखने का फैसला किया. बाहर निकलना शुरू किया, वॉक और ट्रेडमिल शुरू कर दिया. 

कैसे जीत सकते हैं कैंसर से जंग 

सीमा ने बताया कि कैंसर से जीतने के लिए दो चीज सबसे जरूरी है. पहला अर्ली डायग्नोस और दूसरा एक अच्छा हेल्थ केयर प्लान. उन्होंने बताया कि कैसे कैंसर का इलाज अच्छे-अच्चे परिवार को बर्बाद कर देता है. अगर अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस न हो तो कैंसर का इलाज करवा पाना मुश्किल हो जाता है. वहीं आप जितने एक्टिव रहते हैं इस बीमारी से लड़ने की उतनी ताकत मिलती है. 

नितिन के चुटकुले से चेहरे पर हंसी आ जाती थी

सीमा ने बताया कि बीमारी से लड़ने में  नितिन लगातार मेरे साथ थे. वो मेरे लिए जोक सुनाते थे, ताकि मेरे चेहरे पर हंसी आ सके. जब भी मुझे बात करने की इच्छा होती नितिन मेरे पास होते थे. कीमोथेरेपी के बाद जब सीमा के बाल चले गए तो नितिन ने भी अपने सारे बाल मुंडवा लिए ताकि सीमा को बुरा महसूस न हो. लंबी लड़ाई और नितिन के प्यार के दम पर 10 महीनों में नितिन ने कैंसर से जंग जीत ली.  

Read More
{}{}