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Toll Tax: टोल मजबूरी नहीं जरूरी, इसके बिना सड़कों का हो जाएगा बुरा हाल; नहीं हो पाएगी मरम्मत!

Toll Tax Importance: काफी लोगों में धारणा है कि टोल टैक्स के नाम पर लोगों को लूटा जाता है लेकिन यह सच नहीं है. देश में सड़कों को साफ- सुथरी बनाए रखने में टोल से जमा इसी धनराशि का इस्तेमाल होता है.   

Toll Tax: टोल मजबूरी नहीं जरूरी, इसके बिना सड़कों का हो जाएगा बुरा हाल; नहीं हो पाएगी मरम्मत!
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Devinder Kumar|Updated: Jul 31, 2024, 12:15 AM IST

Why Toll Tax is Necessary: आपने अक्सर सुना होगा कि Time is Money. हिंदी में इसको कह सकते हैं बस समय की कीमत है. आप अपने ऑफिस में अपने 8-9 घंटे की सेवाएं देते हैं, इसके बदले कंपनी आपको सैलरी देती है. आपके समय की ही तो कीमत है.

सोचिए अगर आप 50 किमी की यात्रा करके रोज़ ऑफिस जाना है. घर से ऑफिस की सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं तो यकीनन ये दूरी 2-3 घंटे में पूरी होगी.  ऑफिस में 8-9 घंटे काम करना, फिर करीब 6 घंटे गड्ढे वाली सड़क से यात्रा करना थकावट वाला काम है. इसके बाद 7-8 घंटे की नींद के बाद परिवार के लिए आप कितना समय दे पाएंगे 1 घंटा यानी देखा जाए तो आपका Me Time शून्य है. यानी जिंदगी ठप हो गई.

परिवार को दे पाएंगे समय

वहीं अगर घर से ऑफिस की 50 किमी की यात्रा टोल रोड से हो तो करीब आधे घंटे में आप ऑफिस पहुंच जाएंगे. 8-9 घंटे ऑफिस में और फिर आना जाना मिलाकर केवल 1 घंटा यात्रा में बिताएंगे. इसके बाद खुलकर 7-8 घंटे की नींद भी ले लें तो भी आपको परिवार के लिए 6 घंटे बड़े आराम से मिल सकते हैं. यानी भरपूर ME TIME. 

यानी देखा जाए तो टोल रोड के होने से आपकी जिंदगी कितनी सरल हो जाती है. वहीं अगर टोल रोड ना हो तो जिंदगी नर्क जैसी बनने लगती है. ऐसी मानसिकता बन गई है कि जैसे टोल रोड कोई विलेन हो जो हफ्ता वसूली करता है. जबकि हफ्ता वसूली करने वाले सुविधाएं नहीं देते. इसीलिए तो हम कहते हैं कि 'टोल टैक्स मजबूरी नहीं जरूरी है'.

अटल सेतु से मुंबई को मिली राहत

टोल टैक्स के फैलाए जा रहे भ्रम को लेकर जी न्यूज़ एक मुहिम चला रहा है. इसी मुहिम के तहत हम आज आपको मुंबई लेकर चलेंगे. मुंबई का ऐसा शहर है जहां का ट्रैफिक वर्ल्ड फेमस है. मुंबई के रहने वाली या फिर जो लोग मुंबई गए हैं, वो जानते हैं कि वहां के ट्रैफिक क्या हाल है. लेकिन क्या आपको पता है कि मुंबई के ट्रैफिक से परेशान लोगों को सबसे बड़ी राहत किसने दी है? उन्हें ये राहत मिली है अटल सेतु से.

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से नवी मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट के बीच की दूरी करीब 50 से 55 किलोमीटर है. सीएसटी से जेएनपीटी तक जाने के लिए दोनों रास्तों पर टोल नाके हैं. एक में टोल लगता है 45 रुपये. ये रास्ता वडाला फ्रीवे लेकर चेंबूर, वाशी टोल नाका होते हुए नवी मुंबई जाता है. ट्रैफिक की वजह से ये दूरी तय करने में लगते हैं डेढ़ से ढाई घंटे. दूसरा रास्ता अटल सेतु है. यहां पर 250 रुपये का टोल लगता है. लेकिन ट्रैफिक कम होता है, यहां से दूरी तय करने में लगते हैं 35 से 45 मिनट.

भागती दुनिया में समय की कीमत

अगर आपको ये दूरी तय करनी हो तो आप किस रास्ते से ये दूरी तय करेंगे. अटल सेतु जैसे टोल रोड से जहां टोल थोड़ा ज्यादा है लेकिन समय कम लगता है, या फिर उस टोल से जहां टैक्स तो कम लगता है लेकिन समय बहुत ज्यादा खर्च होता है. निश्चित रूप से आप समय की बचत को ध्यान में रखकर ही फैसला लेंगे क्योंकि तेजी से भाग रही इस दुनिया में समय की ही तो कीमत है. 

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