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सस्ते क्रूड के बाद भी क्यों नहीं कम हो रहे डीजल-पेट्रोल के दाम? सरकार ने साफ-साफ बताया

Why petrol price is high in India: ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार तेल की कीमतों में कटौती कर सकती है.

सस्ते क्रूड के बाद भी क्यों नहीं कम हो रहे डीजल-पेट्रोल के दाम? सरकार ने साफ-साफ बताया
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Sudeep Kumar|Updated: Sep 19, 2024, 07:21 PM IST

Petrol-Diesel price in India: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने के बावजूद देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती नहीं होने के सवाल पर सरकार ने जवाब दिया है. पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव रहने की वजह से पेट्रोल एवं डीजल की घरेलू कीमतों में लागत घटने के बावजूद कोई कटौती नहीं हो पा रही है.

ऐसी उम्मीद लगाई जा रही थी कि महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार तेल की कीमतों में कटौती कर सकती है. लेकिन अधिकारी ने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के पहले भी कीमतों में कटौती के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. 

दिसंबर 2021 के बाद सबसे सस्ता क्रूड ऑयल

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा पिछले सप्ताह 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया, जो दिसंबर, 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर था. लेकिन बाद में इसका भाव फिर से चढ़ गया. बृहस्पतिवार को ब्रेंट 74.58 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. कच्चे तेल को रिफाइनरी में पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बदला जाता है. ऐसे में कच्चे तेल के दाम गिरने से ईंधनों की कीमतों में कटौती की भी उम्मीदें बढ़ने लगती हैं. लेकिन अभी तक ऐसा हुआ नहीं है. 

इस साल की शुरुआत में हुए चुनाव-पूर्व कटौती को छोड़कर पिछले दो साल से अधिक समय से स्थिर बनी हुई हैं. पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. कीमतें एक दिन 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गईं, लेकिन उसके बाद फिर से बढ़ गई हैं.

कब तक घटेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम? 

अधिकारी ने आगे बताया कि कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव बने रहने तक इस बात की संभावना कम ही है कि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां अपनी लागत के अनुरूप कीमतों में संशोधन करें. सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों ईंधन खुदरा विक्रेता कंपनियां लंबे समय से पेट्रोल और डीजल पर अच्छा मुनाफा कमा रही हैं, लेकिन कीमतों में कटौती का फैसला करने से पहले वे कीमतों में सुधार की प्रवृत्ति सुनिश्चित करना चाहती हैं. 

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने 2021 के बाद से ही लागत अनुरूप कीमत संशोधन नहीं किए हैं. पेट्रोलियम कंपनियों ने अप्रैल, 2022 में खुदरा कीमतों को स्थिर कर दिया था. इस दौरान सिर्फ एक बार लोकसभा चुनाव के पहले पेट्रोल और डीजल में दो-दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी. 

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की संभावना के बारे में पूछे जाने पर इस अधिकारी ने कोई स्पष्ट जवाब देने में असमर्थता जताई. भारत अपनी पेट्रोलियम जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात करता है और इसका ईंधन मूल्य निर्धारण अंतरराष्ट्रीय दरों के हिसाब से होता है. राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर है जबकि डीजल का भाव 87.62 रुपये प्रति लीटर है.

(इनपुटः भाषा)

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