trendingNow12043520
Hindi News >>बिजनेस
Advertisement

अगर वो छूट नहीं देंगे तो...सस्ते तेल के लिए रूस के भरोसे नहीं है भारत, लाइन लगाकर खड़े हैं कई देश

Russia Oil Import:  दिसंबर 2023 में रूस से कच्चे तेल के आयात में बड़ी गिरावट आई है. माना जा रहा था कि पेमेंट आ रही दिक्कत की वजह से ऐसा हुआ है, लेकिन इसके पीछे पेमेंट नहीं बल्कि कीमत वजह है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसकी असली वजह बताई है.  

Crude Oil
Stop
Bavita Jha |Updated: Jan 04, 2024, 02:49 PM IST

Russia Oil Import:  रूस-यूक्रेन की लड़ाई से पहले भारत जितना तेल आयात करता था, उसमें रूस की हिस्सेदारी बेहद कम थी. युद्ध शुद्ध होने के बाद जब यूरोपियन यूनियन ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया तो भारत के साथ रूसी तेलों का आयात बढ़ता चला गया. अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बीच रूस ने तेल खरीद पर छूट की पेशकश की तो भारत ने भी मौके का फायदा उठाने में देर नहीं की और रूस से खूब तेल खरीदा. बढ़ते आयात के साथ भारत के कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी बढ़कर 40 प्रतिशत तक पहुंच गई. रूस भारत का शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता देश बन गया. रूस और भारत की दोस्ती तेल के साथ और मजबूत हुई, लेकिन अब धीरे-धीरे रूस से तेल के आयात में कमी आने लगी है.  

रूस से कच्चे तेल का आयात घटा  
भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी तेल आयात करता है. रूस उसका सबसे बड़ा आयातक देश है. कच्चे तेल की बदौलत रूस भारत का चौथा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बन गया है, लेकिन दिसंबर में इसमें बड़ा फेरबदल हुआ. दिसंबर 2023 में रूस से आने वाले कच्चे तेल में बड़ी गिरावट देखने को मिली. दिसंबर में रूस से कच्चे तेल का आयात 11 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर में भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने रूस से रोजाना 14.8 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद की, जो नवंबर 2023 के मुकाबले 11.6 फीसदी कम थे.     

रूसी तेल में आई कमी के पीछे वजह क्या?  

भारत और रूस की दोस्ती सालों पुरानी है. रूस से भारत को सस्ता तेल भी मिल रहा था, फिर इसमें कमी क्यों आई?  खबर आई कि पेमेंट को लेकर दोनों देशों के बीच एक राय नहीं बन पा रही है. जिसकी वजह से रूस और भारत के बीच तेल का कारोबार कम हुआ है, लेकिन अब केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसकी असली वजह स्पष्ट कर दी है. उन्होंने कहा कि रूस से भारत का तेल इंपोर्ट पेमेंट दिक्कतों के कारण कम नहीं हुआ है, बल्कि इसके पीछे असली वजह प्राइस वॉर है.  

वो छूट नहीं देंगे तो..

हरदीप पुरी ने कहा कि रूस से तेल आयात में कोई दिक्कत नहीं है. पेमेंट की भी कोई समस्या नहीं है. रूस से कम हुए इंपोर्ट के पीछे असली वजह रूसी तेल की कीमत है. रूस से जिस रेट पर हम तेल खरीद रहे हैं वो बाकी कई देशों की तुलना में अधिक है. उन्होंने कहा कि ऐसे कई देश हैं, जो सस्ती दरों पर कच्चा तेल हमें बेचने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि रूस हमें अच्छी छूट नहीं देते हैं. वहीं नए तेल उत्पादक देशों से  उन्हें रूस के मुकाबले बेहतर छूट मिल रही है. उन्होंने कहा कि जिनके पास तेल हैं, हम उनसे तेल खरीदेंगे. हमारी प्राधमिकता है कि कंज्यूमर्स को बिना किसी परेशानी के सस्ता तेल मिले. उन्होंने कहा कि कुछ तेल उत्पादक देश रूस से दूर हैं, लेकिन वो हमें रूस से सस्ते दर पर तेल देने का ऑफर दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें जहां सस्ता तेल मिलेगा, हम वहां से खरीदेंगे.    
किससे कितना तेल खरीदा

प्राइस वॉर के चलते रूस से कच्चे तेल के आयात में कमी आई है. दिसंबर में भारत के कुल कच्चे तेल के आयात में रूसी तेल की हिस्सेदारी 32.9 फीसदी थी, जो नवंबर में 37 फीसदी से ज्यादा थी. वहीं  इराक से इंपोर्ट बढ़ा. दिसंबर में कच्चे तेल के कुल आयात में इराक की हिस्सेदारी 22 फीसदी रही तो वहीं सऊदी अरब की 15.6 फीसदी की हिस्सेदारी रही. भारत रूस के लिए अब सिर्फ रूस पर निर्भर नहीं है उसके समने कई विक्लप हैं.  

Read More
{}{}