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हिंडनबर्ग-अडानी मामला: जिस हिंडनबर्ग ने अडानी को किया था बर्बाद, अब उसने क्यों लिया उदय कोटक और कोटक बैंक का नाम, सेबी से भी सवाल

Adani-Hindenburg Case: 24 जनवरी 2023 की तारीख को शायद की अडानी समूह कभी भूल पाए.  ये वही तारीख थी, जब अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ एक ऐसी रिपोर्ट निकाली, जिसे गौतम अडानी के कारोबार में भूचाल ला दिया.  इस रिपोर्ट के बाद ही देश-दुनिया में हिंडनबर्ग का नाम गूंजने ल

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Bavita Jha |Updated: Jul 02, 2024, 03:31 PM IST

Adani-Hindenburg Case: 24 जनवरी 2023 की तारीख को शायद की अडानी समूह कभी भूल पाए.  ये वही तारीख थी, जब अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ एक ऐसी रिपोर्ट निकाली, जिसे गौतम अडानी के कारोबार में भूचाल ला दिया.  इस रिपोर्ट के बाद ही देश-दुनिया में हिंडनबर्ग का नाम गूंजने लगा. हिंडनबर्ग ने जो तबाही मचाई थी उससे उबरने में अडानी को सालभर लग गए. अभी भी अडानी उससे पूरी तरह नहीं उबर पाए है. अब एक बार फिर से ये नाम चर्चा में है. बड़ी बात तो ये है कि इस बार हिंडनबर्ग ने अडानी के साथ-साथ एक और बड़े भारतीय बिजनेसमैन को लपेटे में लिया है. 

अडानी मामले में सेबी का नोटिस मिलने से बौखलाया हिंडनबर्ग, सूझ नहीं रहा है जवाब!

अडानी -हिंडनबर्ग मामले सेबी की ओर से भेजे गए नोटिस से बौखलाए हिंडनबर्ग ने एक प्राइवेट बैंक का नाम लिया है. हिंडनबर्ग ने सेबी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने अडानी ग्रुप के शेयरों को शॉर्ट करने के लिए कोटक बैंक के ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया था. बता दें कि कोटक बैंक प्राइवेट सेक्टर का बैंक और ब्रोकरेज फर्म है.  जिसके फाउंडर उदय कोटक हैं. हिंडनबर्ग ने सेबी पर कोटक बैंक और उसके फाउंडर उदय कोटक को बचाने का आरोप लगाया है. 

नोटिस से बौखलाए हिंडनबर्ग ने उठाए सवाल
 
नोटिस से बौखलाए हिंडनबर्ग ने मार्केट रेगुलेटर सेबी के काम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वो भारत के बड़े उद्योगतियों को बचाने की कोशिश कर रहा है. नोटिस का जवाब हिंडनबर्ग ने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट करते लिखा कि सेबी जानबूझ कर कुछ बड़े चेहरे को बचाने की कोशिश कर रही है. उसने कोटक महिंद्रा बैंक का नाम लेते हुए सेबी पर उसे बचाने का आरोप लगाया. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाते हुए कहा कि सेबी ने हम पर अधिकार क्षेत्र का दावा करने के लिए काफी कोशिश की, लेकिन इसने नोटिस में स्पष्ट तौर पर उस पार्टी का नाम नहीं लिखा, जिसका संबंध सीधे भारत से है.  हिंडनबर्ग ने लिखा कि वह पार्टी कोटक महिंद्रा बैंक है, जो भारत की सबसे बड़ी बैंकों और ब्रोकरेज फर्म में से एक है. इसी बैंक ने जिसने हमारे इनवेस्टर पार्टनर के लिए ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर बनाया और उसकी देखरेख की. उसी ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर का इस्तेमाल हमारे इनवेस्टर पार्टनर और हमने अडानी के शेयरों को शॉर्ट करने के लिए.  

SEBI ने क्‍यों नहीं लिया कोटक बैंक का नाम?

अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने सेबी पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर सेबी (SEBI) ने अपने नोटिस में कोटक महिंद्रा बैंक का पूरा नाम क्यों नहीं लिया? उसने आरोप लगाया कि मार्केट रेगुलेटर जानबूझकर नाम छिपाने की कोशिश कर रहा है. हिंडनबर्ग ने कहा कि नोटिस में कोटक का नाम लेने के बजाए उसकी जगह के-इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड लिखा गया है. नोटिस में कोटक के नाम को KMIL लिखकर छिपाने की कोशिश की गई है.  KMIL का मतलब है कोटक महिंद्रा इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड है . हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि सेबी भारत के बड़े बिजनेसमैन उदय कोटक को बचाने की कोशिश के लिए कोटक का नाम छिपा रहा है. 

हिंडनबर्ग बोला- SEBI धोखेबाजों को बचाने की कोशिश कर रहा 

हिंडनबर्ग ने कोटक महिंद्रा बैंक के फाउंडर उदय कोटक को लेकर कहा कि वो व्यक्तिगत तौर पर सेबी से जुड़े रहे हैं. उदय कोटक साल 2017 में सेबी के कॉरपोरेट गवर्नेस कमिटी के अध्यक्ष रह चुके हैं. सेबी कोटक या कोटक से जुड़े लोगों के नाम इसलिए छिपा रहा है, ताकि जांच की किसी भी संभावना से उन्हें बचाया जा सके.  

कोटक के शेयर पर दिखने लगा असर  

रिपोर्ट लिखे जाने तक कोटक महिंद्रा बैंक की ओर से हिंडनबर्ग के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी. वहीं हिंडनबर्ग की ओर से कोटक महिंद्रा बैंक का नाम लिए जाने के बाद शेयरों में गिरावट दिखने लगी है. इस खबर के आने के बाद मंगलवार को KOTAK  BANK के शेयर 3 फीसदी तक गिरकर  1737.05 रुपये पर पहुंच गए.    

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